सवा सौ करोड़ लोगों में 10-20 करोड़ की अगर ‘अमौत’ हो भी गई तो क्या ​फ़र्क़ पड़ता है?

भारत में हादसों का क्लास सिस्टम है. सैकड़ों बच्चे ऑक्सीजन की कमी से मर जाते हैं, सैकड़ों ट्रेन के डिब्बे पलटने से मर जाते हैं, बाढ़ में हज़ारों का मरना तो आम बात ही है.