केरल मंत्रिमंडल के 60 फ़ीसदी मंत्रियों ने चुनावी हलफ़नामे में आपराधिक मामले घोषित किए: एडीआर

चुनाव अधिकार संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, केरल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल 12 या 60 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि पांच या 25 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बीच 695 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिके

देश में अब तक कुल 16 चरणों में चुनावी बॉन्ड की बिक्री हुई है. एसबीआई ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में बताया है कि इस साल जनवरी में 15वें चरण में 42.10 करोड़ रुपये और अप्रैल में 16वें चरण में 695.34 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए हैं. इस दौरान सर्वाधिक बॉन्ड पश्चिम बंगाल के कोलकता शाखा से बिके.

चुनावी बांड के ज़रिये चंदा देने वालों का नाम घोषित करने वाली पहली पार्टी बनी झामुमो

झारखंड में सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो ने बताया है कि उसे एल्युमिनियम एवं तांबा विनिर्माता कंपनी हिंडाल्को से एक करोड़ रुपये का चंदा चुनावी बांड के ज़रिये मिला है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने कहा है कि इससे यह सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक दलों को दान देने वालों की पहचान की जानकारी है, जिन्होंने उसे चुनावी बॉन्ड के ज़रिये योगदान दिया है.

चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर रोक की याचिका ख़ारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पर्याप्त सुरक्षा मौजूद

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने एक याचिका में राजनीतिक दलों की फंडिंग और खातों में पारदर्शिता की कथित कमी संबंधी एक मामले के लंबित रहने और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की आगे बिक्री की अनुमति न देने की मांग की थी. शीर्ष अदालत ने इससे इनकार कर दिया है.

चुनाव आयोग ने चुनावी बॉन्ड पर रोक का विरोध किया, सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रखा

इस संबंध में याचिका दायर करने वाली ग़ैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से कहा गया कि इस तरह के गोपनीय चुनावी बॉन्ड के चलते ‘भ्रष्टाचार को क़ानूनी मान्यता’ मिल रही है और चूंकि सरकार फायदा पहुंचा सकती है, इसलिए कंपनियां सत्ताधारी दल को ही इसके ज़रिये फंड करेंगी.

चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर मोदी सरकार ने 4.10 करोड़ रुपये के कमीशन का भुगतान किया

आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले 'गोपनीय' चंदे के लिए भारत सरकार को अब तक कुल 15 चरणों में हुई बिक्री के लिए 4.35 करोड़ रुपये के कमीशन देना है. साथ ही, बॉन्ड की छपाई के लिए सरकार ने 1.86 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं.

2016 से 2020 के बीच दल बदलने वाले लगभग 45 फ़ीसदी विधायक भाजपा में शामिलः एडीआर

चुनाव सुधार की दिशा में काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिकट रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2016 से 2020 के दौरान हुए चुनावों में कांग्रेस के 170 विधायक दूसरे दलों में शामिल हुए जबकि भाजपा के सिर्फ़ 18 विधायकों ने दूसरी पार्टियों का दामन थामा.

असम में दोबारा निर्वाचित विधायकों की संपत्ति 95 फीसदी तक बढ़ी: रिपोर्ट

असम इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2016 में दोबारा निर्वाचित विधायकों की संपत्ति में औसत वृद्धि 1.48 करोड़ है यानी उनकी संपत्ति में 95 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई. पर्यटन मंत्री चंदन ब्रह्मा उन पांच विधायकों में शीर्ष पर हैं, जिनकी संपत्ति दोबारा निर्वाचित होने के बाद उल्लेखनीय तरीके से बढ़ी है.

असम के मुख्यमंत्री समेत 56 प्रतिशत से ज़्यादा विधायक हैं करोड़पति: रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और असम इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के मौजूदा विधायकों में 58 प्रतिशत करोड़पति हैं जबकि कांग्रेस के 55 प्रतिशत. सबसे ज़्यादा 77 प्रतिशत करोड़पति विधायक असम गण परिषद में हैं.

दिल्ली चुनाव के दौरान पांच राजनीतिक दलों को मिला लगभग 50 करोड़ रुपये फंड: एडीआर

एडीआर ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के 230 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी भाजपा, राकांपा, भाकपा, जदयू, राजद, रालोद समेत कई दलों द्वारा अब तक उनके चुनावी ख़र्च की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

गुजरात विधानसभा उपचुनाव में खड़े 18 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले: एडीआर

गुजरात विधानसभा की आठ सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव होना है, जिसके नतीजे दस नवंबर को घोषित किए जाएंगे. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 80 उम्मीदवारों में से 20 करोड़पति हैं.

बिहार चुनाव: दूसरे चरण के 34 फ़ीसदी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ दर्ज हैं आपराधिक मामले

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान तीन नवंबर को होगा. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक़ 1,463 उम्मीदवारों में से 389 उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

मध्य प्रदेश उपचुनाव में 18 प्रतिशत उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ दर्ज हैं आपराधिक मामले: एडीआर

मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इनमें से अधिकतर सीटें कांग्रेस के बागी विधायकों के पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई हैं.

अमीरों-नेताओं के चुनावी बॉन्ड की छपाई और बैंक कमीशन का ख़र्च करदाता उठा रहा: आरटीआई

आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों से पता चलता है कि अब तक क़रीब 19,000 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की छपाई हो चुकी है. ख़ास बात ये है कि इनकी छपाई, बिक्री और इसे भुनाने में बैंक का जो कमीशन बनता है, इसके ख़र्च की भरपाई केंद्र सरकार कर रही है.

दिल्ली ने बेदाग छवि वालों के मुक़ाबले आपराधिक मामलों के 26 आरोपियों को विधायक चुना: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और दिल्ली इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में केवल आठ विधायक हैं, जिनके ख़िलाफ़ कोई केस दर्ज नहीं है और उन्होंने उन प्रत्याशियों को हराया, जिनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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