माफ़ीनामा रिट्वीट करने की शर्त पर एस. गुरुमूर्ति के ख़िलाफ़ अवमानना का केस बंद

एक तमिल समाचार पत्रिका के संपादक और रिज़र्व बैंक के अंशकालीन निदेशक एस. गुरुमूर्ति ने बीते साल जस्टिस एस. मुरलीधर के ख़िलाफ़ एक लेख री-ट्वीट किया था. इसके ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी.

रिज़र्व बैंक की स्वायत्तता की रक्षा कर अपना धर्म निभाए शक्तिकांत दास: आरबीआई के पूर्व गवर्नर

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नए गवर्नर शक्तिकांत दास आरबीआई की स्वायत्तता के साथ किसी भी तरह का समझौता किए बिना सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सक्षम होंगे.

क्या आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास अपनी निष्ठा बदल पाएंगे?

पहले भी केंद्र सरकार के करीबी माने जाने वाले अधिकारी आरबीआई तक पहुंचे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी आवाज़ को आज़ाद रखा. क्या शक्तिकांत दास ऐसा कर पाएंगे?

रिज़र्व बैंक विवाद में केंद्र भले ही पीछे हटा दिख रहा हो, लेकिन समस्या अब भी बनी हुई है

अगर कुल संभावित एनपीए का क़रीब 40 प्रतिशत 10 के करीब बड़े कारोबारी समूहों में फंसा हुआ है, तो बैंक इसका समाधान किए बगैर क़र्ज़ देना शुरू नहीं कर सकते हैं. यह बात स्पष्ट है लेकिन सरकार बड़े बकाये वाले बड़े कारोबारी समूहों के लिए अलग नियम चाहती है, जो उनके हितों का ख्याल रखते हों.

गुरुमूर्ति जी! केरल की बाढ़ के पीछे महिलाएं नहीं, सत्ताओं की नीतिगत विफलताएं और इंसानी लोभ हैं

नीति-निर्माण में भागीदार होने के बावजूद गुरुमूर्ति सच्चाइयों का सामना नहीं करना चाहते और शुतरमुर्ग की तरह रेत में सिर गड़ाकर इस अंधविश्वास की शरण लेना चाहते हैं कि सारा अनर्थ सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के कारण हुआ है.

मोदी सरकार में एस. गुरुमूर्ति होने के मायने

हाल ही में रिज़र्व बैंक के बोर्ड में शामिल हुए स्वामीनाथन गुरुमूर्ति की नरेंद्र मोदी के नोटबंदी जैसे आर्थिक नीति संबंधी फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

‘नए भारत’ के नए वादे पर आर्थिक संकट का काला बादल

2019 के चुनावों से 18 महीने पहले, भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई दिखाई दे रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार 2022 तक पूरे किए जाने वाले नामुमकिन वादों की झड़ी लगाने का सिलसिला जारी है.

प्रधानमंत्री से कौन पूछेगा कि पनामा पेपर मामले में क्या प्रगति हुई है?

अगर दो लाख शेल कंपनियां बंद हुई हैं, जो ब्लैक मनी को व्हाइट कर रही थीं तो क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि कितने लाख लोगों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हुए है?