राजस्थान के राजसमंद से विधायक किरण माहेश्वरी प्रदेश की दूसरी विधायक हैं, जिनका कोरोना से निधन हो गया है. इससे पहले भीलवाड़ा के सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक कैलाश त्रिवेदी का भी कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया था.
राजकोट के सिविल अस्पताल में बीते तीन महीनों में 269 बच्चों की मौत हुई, जिसमें सबसे अधिक जानें दिसंबर में गईं. अधिकारियों के मुताबिक इन बच्चों की मौत की वजह अस्पतालों में बच्चों के इलाज की उचित व्यवस्था न होना है.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में परोक्ष रूप से अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि एक साल से हम लोग शासन चला रहे है तो हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है और हमारी जिम्मेदारी बनती है.
राजस्थान के जोधपुर जिले के डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में एक महीने में 146 बच्चों ने दम तोड़ा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दिसंबर महीने में अस्पताल में भर्ती बच्चों की तुलना में बच्चों की मौत की यह संख्या बहुत कम है.
राजस्थान के कोटा जिले के सरकारी जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम नौ और शिशुओं की मौत के बाद मृतक बच्चों की संख्या बढ़कर 104 हो गई है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार बीमार शिशुओं की मौत पर पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर उठाए सवाल.
राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में पिछले पांच दिन में 14 और शिशुओं की मौत हो गई है. अस्पताल की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, 24 दिसंबर तक 77 शिशुओं की यहां मौत हुई थी, इनमें से 10 शिशुओं की मौत 23 दिसंबर और 24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर हुई थी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह टिप्पणी कोटा के जेके लोन अस्पताल में 48 घंटे में दस बच्चों की मौत होने के मामले में बोलते हुए की है, जिसमें नवजात शिशु भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बीते छह साल में सबसे कम जानें इस साल गई हैं. एक बच्चे की मौत भी दुर्भाग्यपूर्ण है.
राजस्थान के कोटा में जेके लोन अस्पताल में 48 घंटे में दस बच्चों की मौत हुई है, जिसमें नवजात शिशु भी शामिल हैं. अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों की ओर से किसी तरह की लापरवाही होने से इनकार किया है.
राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला दूसरी बार संसद पहुंचे हैं. इसी क्षेत्र के झालावाड़-बारां ज़िले से प्रदेश की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह चौथी बार सांसद चुने गए हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने उनमें न तो कोई विश्वास जताया है और न ही केंद्र में उन्हें कोई जगह दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के क़रीबी माने जाने वाले ओम बिड़ला राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं. वह राजस्थान के हाड़ौती अंचल से देश के एक प्रमुख संवैधानिक पद पर विराजने वाले पहले नेता हैं.
एनडीए की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार ओम बिड़ला की दावेदारी का 10 पार्टियों ने समर्थन किया है. इस पद के लिए बुधवार को चुनाव होगा.