कश्मीर के भूगोल पर तो कब्ज़ा किया जा सकता है, पर कश्मीरियत का क्या होगा?

असुरक्षा का भाव समाज के सैन्यकरण की स्वीकृति का अनिवार्य तत्व होता है. सांप्रदायिक राजनीति उसके भीतर भी असुरक्षा बोध खड़ा करती है जिसके पक्ष में वह दिखना चाहती है और उसके भीतर भी, जिसे वह शत्रु के रूप में चित्रित करती है. कश्मीर में असुरक्षा की भावना का इस्तेमाल कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी मुसलमानों दोनों के ख़िलाफ़ होता आ रहा है.

राजनाथ ने आतंकी हमले की निंदा के लिए कश्मीरियत को सराहा, ट्विटर पर ट्रोल हुए

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर आतंकवादी हमले की राज्य की जनता ने कड़ी निंदा करके कश्मीरियत की भावना को बरकरार रखा है.