शुजात बुख़ारी की हत्या के एक साल बाद दर्द और सवाल दोनों ज़िंदा हैं

जून 2018 में भाजपा ने महबूबा सरकार से गठबंधन तोड़ते समय राज्यपाल शासन लगाने के कारणों में शुजात बुख़ारी की हत्या का ज़िक्र भी किया था. लेकिन, एक साल बाद भी बुख़ारी की हत्या का रहस्य बना हुआ है.

शुजात बुख़ारी हत्या मामले की जांच एसआईटी के हवाले, एक संदिग्ध गिरफ़्तार

जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुजात बुखारी की हत्या को आतंकवादी हमला बताया. एक लेफ्टिनेंट जनरल ने दावा किया कि हत्या में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ.

श्रीनगर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी की गोली मारकर हत्या

राइज़िंग कश्मीर अख़बार के संपादक शुजात बुख़ारी पर जिस समय हमला हुआ उस वक़्त वह अपने दफ़्तर से इफ़्तार पार्टी के लिए निकल रहे थे. कार पर हुए हमले में उनके दोनों सुरक्षा अधिकारियों की भी मौत हो गई.