उत्तर प्रदेश: गैंगस्टर विकास दुबे के कथित एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिली

कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों की कथित मुठभेड़ की जांच कर रहे पूर्व जज बीएस चौहान की अगुवाई वाले आयोग ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. बताया गया है कि आयोग को यूपी पुलिस के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिला और पुलिस के दावों को चुनौती देने के लिए कोई भी गवाह सामने नहीं आया

यूपी: गैंगस्टर विकास दुबे से संबंध के आरोप में 37 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के आदेश

बीते दो जुलाई को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी गैंगस्टर विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. नौ जुलाई को उज्जैन से गिरफ़्तार कर उत्तर प्रदेश लाने के दौरान पुलिस ने विकास दुबे को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था.

गैंगस्टर विकास दुबे से सांठगाठ पर यूपी पुलिस के 80 कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश

बीते दो जुलाई को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी गैंगस्टर विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. नौ जुलाई को उज्जैन से गिरफ़्तार कर उत्तर प्रदेश लाने के दौरान पुलिस ने विकास दुबे को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था.

विकास दुबे एनकाउंटर: सुप्रीम कोर्ट ने जांच समिति के पुनर्गठन की मांग की याचिका ख़ारिज की

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में गठित जांच समिति के सदस्यों के राजनीतिक और पुलिस प्रशासन में पारिवारिक संबंध हैं, इसलिए समिति का पुनर्गठन किया जाना चाहिए क्योंकि यहां पर हितों के टकराव की स्थिति है और जांच प्रभावित किए जाने की संभावना है.

विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल करना पुलिस के मनोबल को नहीं गिराएगा

पुलिस के आपराधिक कृत्यों के समान तरीकों पर उठने वाले सवालों को चुप कराने के लिए बार-बार उनके हतोत्साहित होने का डर दिखाया जाता है, लेकिन विडंबना है कि किसी हिस्ट्रीशीटर के थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों की हत्या कर देने के बाद आज़ाद घूमने पर पुलिस के मनोबल की बात नहीं की जाती.

विकास दुबे: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या जज के रिश्तेदार का किसी दल में होना ग़ैरक़ानूनी है

उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले में गठित जांच समिति के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान के भाई भाजपा विधायक हैं और समधी भाजपा सांसद. वहीं समिति के एक अन्य सदस्य पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता कानपुर जोन के आईजी के संबंधी हैं. हितों के टकराव की संभावना के आधार पर याचिका दायर कर समिति के पुनर्गठन की मांग की गई है.

विकास दुबे एनकाउंटर: क्या जांच समिति सदस्यों के पारिवारिक संबंधों के चलते निष्पक्ष जांच होगी?

विकास दुबे एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच समिति के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान के भाई भाजपा विधायक हैं और समधी भाजपा सांसद. वहीं समिति के अन्य सदस्य पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता कानपुर ज़ोन के आईजी के संबंधी हैं. ऐसी स्थिति में हितों के टकराव की संभावना के कयास लगाए जा रहे हैं.

विकास दुबे एनकाउंटर: सुप्रीम कोर्ट ने जांच समिति से पूर्व डीजीपी को निकालने की मांग ख़ारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जिसमें यूपी के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता भी शामिल हैं. एक याचिका में गुप्ता के एक बयान के हवाले से उनके पक्षपाती होने की संभावना व्यक्त करते हुए उन्हें समिति से हटाने की मांग की गई थी.

विकास दुबे एनकाउंटर: सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई

पूर्व जज बीएस चौहान की अगुवाई वाली इस समिति को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मामले में जांच के लिए यूपी पुलिस द्वारा बनाई गई एसआईटी की निगरानी नहीं करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे के सभी ज़मानत आदेशों पर रिपोर्ट तलब की, जांच समिति का होगा पुनर्गठन

विकास दुबे और उसके सहयोगियों के कथित एनकाउंटर मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह स्तब्ध है कि दुबे जैसे व्यक्ति को इतने सारे मामलों के बावजूद ज़मानत मिली. अदालत ने कहा कि जिस व्यक्ति को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए, उसे जमानत मिलना संस्थान की विफलता है.

यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, विकास दुबे को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में नहीं मारा गया

गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों की मौत के मामले में यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में कहा है कि राज्य सरकार ने इस मामले में पूरी सक्रियता दिखाई और यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए कि घटना को लेकर कोई संदेह नहीं रहे.

पुलिस एनकाउंटर: ‘त्वरित न्याय’ के नाम पर अराजकता को स्वीकार्यता नहीं मिलनी चाहिए

एक राष्ट्र और एक अपराधी में यही अंतर होता है कि राष्ट्र क़ानून से चलता है जबकि अपराधी उसे तोड़ता है. अगर राष्ट्र एक बार भी क़ानून तोड़ दे, तो इसका अर्थ होगा कि वह भी अपराधी की श्रेणी में आ गया और उसका शासन करने का नैतिक अधिकार समाप्त हो जाएगा.

कानपुर गोलीकांड में जान गंवाने वाले कॉन्स्टेबल के पिता बोले- विकास दुबे के साथ कई राज़ भी चले गए

कानपुर के बिकरू गांव में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिजन विकास दुबे के कथित एनकाउंटर से संतुष्ट हैं, लेकिन उनका कहना है कि अब उसके सहयोगियों-संरक्षकों का पर्दाफ़ाश नहीं हो पाएगा.

कौन नहीं चाहता था, विकास दुबे ज़िंदा रहे?

वीडियो: उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने शुक्रवार को दावा किया था कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में बीते नौ जुलाई को गिरफ़्तार किए गए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को कानपुर लाते समय पुलिस दल की एक गाड़ी पलट गई. इस दौरान वह भागने की कोशिश कर रहा था, तो पुलिस को गोली चलानी पड़ी.

विकास दुबे एनकाउंटर: ‘अगर वो भाग रहा था, तो पुलिस की गोली पीठ की बजाय छाती में कैसे लगी?’

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे की कथित मुठभेड़ को कांग्रेस, सपा और बसपा ने उसके राजनीतिक संरक्षकों को बचाने की साजिश करार दिया और न्यायिक जांच की मांग की.