उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक रहे कुलदीप सेंगर को जून 2017 में एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में उम्रक़ैद की सज़ा हुई है. सीबीआई ने 2017 में मामला दर्ज करने में लापरवाही बरतने के लिए उन्नाव की पूर्व जिलाधिकारी और तीन पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करने को कहा है.
कुलदीप सिंह सेंगर ने अदालत में जिरह के दौरान कहा कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए, उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाना चाहिए.
फैसला सुनाते हुए नई दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने कहा कि कुलदीप सेंगर का पीड़िता के पिता की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था लेकिन पीड़िता के पिता को बर्बरातपूर्वक मारा गया. ये ट्रायल चुनौतीपूर्ण था. कुलदीप सिंह सेंगर ने खुद को बचाने के लिए तकनीक का पूरा इस्तेमाल किया, लेकिन सीबीआई ने चुनौतीपूर्ण माहौल में अच्छा काम किया.
फैसला सुनाते हुए नई दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसे सहायता राशि के तौर पर पीड़िता को दिया जाएगा.
दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व भाजपा नेता और उन्नाव से विधायक कुलदीप सेंगर द्वारा साल 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की का अपहरण और बलात्कार करने के मामले में सह आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया. इस मामले में सजा का ऐलान 18 दिसंबर को होगा.
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि पिछले साल मार्च तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के कई वर्गों में कुल 6,83,823 ख़ाली पद थे. सिंह ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि सीबीआई में एक हज़ार से अधिक पद रिक्त हैं.
सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली की अदालत को बताया कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का 2017 में कथित रूप से अपहरण करने के बाद तीन लोगों ने अलग-अलग जगहों पर ले जाकर नौ दिन तक उसका बलात्कार किया और उस समय वह नाबालिग थी.
सीबीआई द्वारा दायर ताजा चार्जशीट के मुताबिक, इन तीनों आरोपियों ने भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा उन्नाव पीड़िता का बलात्कार किए जाने के लगभग हफ्ते भर बाद पीड़िता से बलात्कार किया था.
उन्नाव बलात्कार पीड़िता के वकील ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि मकान मालिक मामले की वजह से किराए पर घर देने के लिए तैयार नहीं हैं. इसके बाद अदालत ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को परिवार को दिल्ली में आवास उपलब्ध कराने के लिए कहा.
बीते 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश में रायबरेली के पास सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल उन्नाव रेप पीड़िता को मंगलवार देर शाम एम्स से छुट्टी दे दी गई. सुरक्षा कारणों से अदालत ने पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में ही रहने का आदेश दिया. इस मामले में भाजपा से निष्कासित किए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को एक हफ्ते के भीतर एक रिपोर्ट दाख़िल कर बलात्कार पीड़िता, उसकी मां, दो बहनों और भाई को सुरक्षित स्थान पर भेजने के लिए उठाए जाने वाले क़दमों के बारे में बताने को कहा है.
सीबीआई ने इस आरोप से इनकार किया है और कहा कि जांच अधिकारी ने मामले में पूरी निष्पक्षता के साथ सबूत इकट्ठा किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बलात्कार पीड़िता, उनकी मां, परिवार के अन्य सदस्यों और उनके अधिवक्ता को सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया करायी जाए. वहीं, सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 2017 में मामले की जांच के दौरान यूपी पुलिस का रवैया लापरवाही भरा रहा.
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथी शशि सिंह के ख़िलाफ़ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोप तय किए हैं.
सीबीआई ने अदालत को बताया कि विधायक और उसके सहयोगियों ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के पिता पर देशी पिस्तौल और पांच कारतूस रखने का आरोप लगाया था.