कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारत में आजीविका संकट गहराने की आशंका: अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़

सरकार द्वारा कोविड-19 की दूसरी लहर के अनुमान में चूक पर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ ने कहा कि सरकार लंबे समय तक वायरस के समुदाय के बीच फैलने की बात से इनकार करती रही है, जबकि रिकॉर्ड में मामले लाखों में थे. जनता को आश्वस्त करने के लिए कि सब ठीक है, भ्रामक आंकड़ों का सहारा लिया गया. हम अब इसकी कीमत चुका रहे हैं.

कोविड: सामाजिक बहिष्कार के बाद बुज़ुर्ग को पत्नी का शव साइकिल पर लाद ले जाने को मजबूर होना पड़ा

इसी तरह राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में भी सामाजिक बहिष्कार का एक मामला सामने आया है. नोएडा में घर की रखवाली का काम करने वाले एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद कोई भी मदद के लिए आगे नहीं. पश्चिम बंगाल के इस परिवार ने पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी.

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ का सुझाव, शहरी रोज़गार गारंटी योजना शुरू करे सरकार

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ ने लैंगिंग समानता पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शहरी रोज़गार गारंटी योजना शुरू करने की बात कहते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते ऐसा करना ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि इसके तहत करीब एक तिहाई नौकरियां महिलाओं को दी जा सकती हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने श्रमिकों के काम के घंटे बढ़ाने वाले गुजरात सरकार के आदेश को ख़ारिज किया

गुजरात सरकार द्वारा 17 अप्रैल 2020 को जारी उस अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके तहत मज़दूरों के कई अधिकारों को रद्द कर दिया गया था. कोर्ट ने कहा कि महामारी का हवाला देकर मज़दूरों के सम्मान और उनके अधिकारों के लिए बने क़ानूनों को ख़त्म नहीं किया जा सकता.

महामारी के बीच श्रम सुधार के नाम पर लाए गए तीन क़ानूनों का विरोध क्यों हो रहा है

मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए श्रम क़ानूनों में जहां एक ओर सामाजिक सुरक्षा के दायरे में ऐसे विभिन्न कामगारों को लाया गया है, जो अब तक इसमें नहीं थे, वहीं दूसरी ओर हड़ताल के नियम कड़े किए गए हैं. साथ ही नियोक्ता को बिना सरकारी मंज़ूरी के कामगारों को नौकरी देने और छंटनी के लिए अधिक छूट दी गई है.

लॉकडाउन: नवंबर 2018 के बाद जुलाई में राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलीं सर्वाधिक शिकायतें

देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलने वाली 2,914 शिकायतों में से उत्तर प्रदेश में आधे से अधिक यानी कि 1,461 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद दिल्ली में 338 मामले दर्ज हुए.

राज्यों को राशन दुकानों पर काम करने वाले, सब्ज़ी और फेरीवालों की कोरोना जांच के निर्देश

कोरोना वायरस संक्रमण के तेज़ी से फैलने की आशंकाओं के मद्देनज़र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन लोगों की जांच करने की सलाह दी है ताकि संक्रमण के मामलों का जल्द पता लगाया जा सके और मृत्यु दर में कमी आ सके.

उत्तर प्रदेश: अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में व्यक्ति की मौत, लापरवाही का आरोप

मामला शामली ज़िले के सरकारी अस्पताल का है, जहां रविवार को एक टैक्सी चालक को सांस लेने में परेशानी होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. परिजनों का आरोप है कि ठीक प्रकार से इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.

महाराष्ट्र: निजी अस्पताल ने भर्ती से किया इनकार, कोरोना मरीज़ की मौत; कार्रवाई का आदेश

मामला ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके कालसेकर अस्पताल का है. आरोप है कि 70 वर्षीय कोरोना मरीज़ को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था. ठाणे के महापौर ने अस्पताल के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने आदेश दिया है.

आईएलओ ने प्रधानमंत्री से की अपील, कहा- भारत की अंतरराष्ट्रीय श्रम प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखें

देश के 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों ने आईएलओ को पत्र लिखकर गुजारिश की थी कि वे विभिन्न राज्यों में श्रम कानूनों में हो रहे बदलावों को लेकर हस्तक्षेप करें और श्रमिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें.

श्रम संसदीय समिति ने श्रम कानूनों को ‘कमजोर’ किए जाने को लेकर नौ राज्यों से जवाब मांगा

समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा कि श्रमिकों के अधिकारों की कीमत पर उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि भारत में श्रम कानूनों में हो रहे बदलाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए.

भारत में श्रम कानूनों में हो रहे बदलाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए: आईएलओ

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा कि सरकार, श्रमिक और नियोक्ता संगठनों से जुड़े लोगों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के बाद ही श्रम कानूनों में किसी भी तरह का संशोधन किया जाना चाहिए.

‘श्रम क़ानून में बदलाव मज़दूरों के अधिकारों से खिलवाड़, उन्हें मालिकों के रहम पर जीना पड़ेगा’

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्य कोरोना महामारी के नाम पर गोपनीय तरीके से कुछ सालों के लिये कई श्रम क़ानूनों को हल्का कर रहे हैं या रोक लगा रहे हैं. राज्यों की दलील है कि इससे निवेश बढ़ेगा, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि निवेश श्रम क़ानूनों को ख़त्म करने से नहीं बल्कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल्ड लेबर से होता है.

श्रमिकों की वापसी के बीच बिहार ने 222 मज़दूरों को राइस मिल में काम करने तेलंगाना भेजा

प्रवासी मज़दूरों के घर लौटने के प्रयासों के बीच बिहार और उत्तर प्रदेश के 1.09 लाख प्रवासियों ने अपने गृह राज्यों से वापस लौटने के लिए हरियाणा सरकार के वेब पोर्टल पर आवेदन किया है.

पूरी दुनिया में फंसे प्रवासियों को कोविड-19 का ख़तरा ज़्यादा: अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संगठन

अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संगठन के महानिदेशक एंतोनियो विटोरिनो ने कहा प्रवासियों को कोविड-19 संक्रमण के ख़तरे के अलावा कलंक व पूर्वाग्रहों का सामना भी करना पड़ता है जिससे उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है.