वीडियो: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को कोविड-19 टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मनमोहन सिंह की आलोचना की है.
यह हैदराबाद का मामला है. मृतक एक दिहाड़ी मज़दूर थे, उनकी पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शव दिलवाने की गुहार लगाई है. अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों का खंडन किया है.
मामला असम के नगांव ज़िले का है. प्रशासन के मुताबिक, ज़िले के ढींग विधानसभा क्षेत्र से एआईयूडीएफ विधायक के पिता 87 वर्षीय धार्मिक प्रचारक ख़ैरुल इस्लाम के अंतिम संस्कार में क़रीब 10 हज़ार लोग शामिल हुए थे. लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर दो मामले दर्ज किए गए हैं.
मामला कोलकाता का है, जहां 29 जून को एक 71 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिन्हें कोरोना होने का संदेह था. परिजनों का कहना है कि इसी कारण उन्होंने अंतिम संस्कार की व्यवस्था के लिए पुलिस, स्थानीय पार्षद और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया, लेकिन किसी ने मदद नहीं की.
मामला शामली ज़िले के सरकारी अस्पताल का है, जहां रविवार को एक टैक्सी चालक को सांस लेने में परेशानी होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. परिजनों का आरोप है कि ठीक प्रकार से इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.
मामला ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके कालसेकर अस्पताल का है. आरोप है कि 70 वर्षीय कोरोना मरीज़ को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था. ठाणे के महापौर ने अस्पताल के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने आदेश दिया है.
भारत में महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. अब तक कोविड-19 की जांच कराने पर 4,500 रुपये लगते थे.
मामला जलगांव के सरकारी अस्पताल का है, जहां कोविड संक्रमित एक 82 वर्षीय महिला को एक जून को भर्ती कराया गया था और वे दो जून से लापता हो गई थीं. अन्य मरीज़ों के शौचालय में बदबू की शिकायत करने के बाद वहां महिला का शव पाया गया. घटना के बाद अस्पताल के डीन सहित पांच अधिकारियों को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं.
दिल्ली में तैनात 35 वर्षीय बीएसएफ जवान की नौ जून को दिल्ली के एम्स में कोविड-19 से मौत हो गई. बीएसएफ में ये तीसरी मौत है.
इन हस्तियों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि वैश्विक स्वास्थ्य एवं आर्थिक आपदा को टालने के लिए वक्त तेजी से बीत रहा है. 44 करोड़ अतिरिक्त लोग ग़रीबी में फंस सकते हैं तथा 26.5 करोड़ अतिरिक्त लोगों को कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है.
कोरोना वायरस को लेकर एक समीक्षा मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित हुई है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि मौजूदा सबूतों की यह व्यवस्थित समीक्षा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कराई गई है.
डोडा जिले के रहने वाले व्यक्ति की जम्मू स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में कोविड-19 की वजह से मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने कोई मदद नहीं की. उनका कहना है कि सरकार को वायरस से मरने वालों के अंतिम संस्कार करने के लिए बेहतर योजना बनानी चाहिए.
भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडेमियोलॉजिस्ट्स के विशेषज्ञों द्वारा संकलित एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने इस महामारी से निपटने के उपायों संबंधी निर्णय लेते समय महामारी विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय से जारी साप्ताहिक आंकड़ों में इंग्लैंड और वेल्स में 7 हज़ार से ज़्यादा मौतों को जोड़ा गया है, जिसके चलते पूरे ब्रिटेन में हुई मौतों की संख्या 32,313 हो गई है. सरकार अब तक अपने दैनिक आंकड़ों में सिर्फ अस्पतालों में होने वाली मौतों को ही जोड़ती आ रही थी.
केंद्रीय गृह सचिव के मुताबिक, दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा.