केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 में इस्तेमाल के लिए जून 2020 में रेमडेसिविर को मंज़ूरी दी थी. इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन पर अस्पतालों और फार्मेसी द्वारा एक इंजेक्शन के रूप में बेचा जा सकता है. गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने इसे बिना किसी दाम के दो अस्पतालों और पार्टी कार्यालय में वितरित कराया.
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका की कार्यवाही शुरू की. कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर हाईकोर्ट में दाख़िल इस तरह की यह दूसरी जनहित याचिका है. बीते साल हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और कालकोठरी से भी बदतर है.
एक ही व्यक्ति में दोबारा कोरोना संक्रमण होने पर जहां स्वास्थ्य विशेषज्ञ गहरी चिंता जता रहे हैं, वहीं गुजरात सरकार यह दलील देकर पल्ला झाड़ रही है कि उनके द्वारा कराए गए एंटीबॉडी सर्वे में इन लोगों में एंटीबॉडी नहीं पाया गया था.