गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर से सटे घरों को हस्तानांतरित करने की प्रक्रिया असाधारण

वीडियो: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर से लगे क़रीब एक दर्जन घरों को हटाकर वहां कथित तौर पर मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस बलों की तैनाती को लेकर हंगामा मचा हुआ है. प्रभावित परिवारों का आरोप है कि दबाव में उनसे सहमति पत्र पर दस्तख़त करवाए गए, जबकि प्रशासन का दावा है कि सभी ने बिना दबाव के हस्ताक्षर किए हैं. इस मुद्दे पर गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक मनोज सिंह से मुकुल सिंह चौहान

गोरखपुर में मुस्लिम परिवारों पर घर ख़ाली करने का योगी सरकार का दबाव

वीडियो: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के आसपास के एक दर्जन से अधिक घरों को हटाकर कथित तौर पर मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस बलों की तैनाती को लेकर वहां हंगामा मचा हुआ है. प्रभावित परिवारों का आरोप है कि दबाव में उनसे सहमति पत्र पर दस्तख़त करवाए गए और पूरी जानकारी नहीं दी गई. वहीं, प्रशासन का दावा है कि सभी परिवारों ने बिना दबाव के हस्ताक्षर किए हैं. मुकुल सिंह चौहान और सेराज

यूपी: गोरखनाथ मंदिर के पास रहने वाले मुस्लिम परिवार क्यों छत छिनने के डर से ख़ौफ़ज़दा हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: बीते दिनों गोरखपुर प्रशासन पर गोरखनाथ मंदिर के पास ज़मीन अधिग्रहण के लिए यहां के रहवासी कई मुस्लिम परिवारों से जबरन सहमति पत्र पर दस्तख़त करवाने का आरोप लगा है. कई परिवारों का कहना है कि उन्होंने एक कागज़ पर साइन तो कर दिए, लेकिन वे अपना घर नहीं छोड़ना चाहते हैं.

मुग़लों को निशाना बनाकर आदित्यनाथ अपने ही नाथ संप्रदाय के इतिहास को मिटा रहे हैं

पूरे मुग़ल शासन के दौरान गोरखपुर समेत विभिन्न नाथों को शासकों द्वारा तोहफे और अनुदान प्राप्त हुए हैं. आधिकारिक मंदिर साहित्य भी इस बात की पुष्टि करता है.

योगी आदित्यनाथ के सामने वर्दी में घुटनों के बल बैठे पुलिस अफसर की तस्वीर पर विवाद

विवाद होने पर डीएसपी रैंक के संबंधित अधिकारी प्रवीण सिंह जो गोरखनाथ क्षेत्र के सर्कल अधिकारी हैं, ने कहा कि ​यह केवल बाबा गोरखनाथ के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धा है, इससे ज़्यादा कुछ नहीं.

नाथ संप्रदाय: धार्मिक मेल-जोल की राजनीति से हिंदुत्व की राजनीति तक

आज भले ही योगी आदित्यनाथ सियासी फ़ायदे के लिए संप्रदायों का ध्रुवीकरण करते हों, लेकिन हाल ही में सामने आए दो अप्रकाशित सिद्धांत बताते हैं कि 20वीं शताब्दी से पहले, नाथ संप्रदाय के सदस्य सत्ता पाने के लिए धार्मिक मेलजोल का सहारा लिया करते थे.

क्यों गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गया है?

गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: लगातार जीत से अति-आत्मविश्वास की शिकार भाजपा के लिए यह उपचुनाव आसान नहीं रह गया है. दोनों उपचुनाव शुरू से ही पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं क्योंकि यहां के प्रतिकूल परिणाम उसे बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं.

हिंदुत्व का गढ़ बनने से पहले मुस्लिम जोगियों का भी केंद्र था गोरखनाथ पीठ

सांप्रदायिकता और जातिवाद के ख़िलाफ़ शुरू होने वाले गोरखनाथ पीठ से कभी बड़ी संख्या में मुसलमान और अछूत मानी जाने वाली जातियां जुड़ी थीं.