मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सरकार के नियंत्रण से पूरी आज़ादी की मांग करते हुए दो अन्य चुनाव आयुक्तों को भी संवैधानिक संरक्षण देने और वित्तीय स्वंतत्रता की मांग रखी.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी द ग्रेट मार्च ऑफ डेमोक्रेसी: सेवेन डेकेड्स ऑफ इंडियाज इलेक्शंस की प्रस्तावन में कहा कि जितने भी चुनावी सुधार हुए हैं, वे सभी न्यायपालिका के हस्तक्षेप से हुए हैं.