पुलवामा हमला: सीआरपीएफ अधिकारी ने पत्र लिखकर आतंकरोधी ट्रेनिंग की कमियों के बारे में बताया था

सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में न तो फायरिंग रेंज है और न ही बाउंड्री वॉल है. इसके साथ ही यहां कोई स्थायी संरचना भी नहीं है.

जम्मू कश्मीर: सरकारी विज्ञापन न देने के ख़िलाफ़ अख़बारों ने ख़ाली छोड़े फ्रंट पेज

जम्मू कश्मीर के कई बड़े अख़बारों ने सरकार द्वारा ग्रेटर कश्मीर और कश्मीर रीडर अख़बारों को बिना कोई स्पष्ट कारण बताए विज्ञापन न देने के फ़ैसले के विरोध में रविवार को अपने पहले पन्ने को ख़ाली छोड़ दिया.

कश्मीर से जुड़ी हर चीज़ का करें बहिष्कार: मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय

पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मेघालय के राज्यपाल का बयान बहुत ही खेदजनक है. भारत सरकार को उन्हें तुरंत बर्ख़ास्त करना चाहिए.

पुलवामा हमले में पुख़्ता सबूत देने पर कार्रवाई करेंगे, हमला करने पर जवाब देंगे: इमरान ख़ान

राष्ट्र के नाम पैगाम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक वीडियो संदेश में कश्मीर में गुरुवार हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया की.

पुलवामा हमला: हिंदुत्ववादी संगठन के दबाव में देहरादून के कॉलेज ने कश्मीरी डीन को निलंबित किया

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले के बाद देहरादून में एबीवीपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों की मांग पर दो कॉलेजों ने अगले सत्र से कश्मीरियों को दाख़िला न देने की बात कही है.

पुलवामा हमले का मज़ाक बनाकर ट्वीट करने वाला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र निलंबित

अलीगढ़ पुलिस ने बसीम हिलाल के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बिलाल बीएससी कर रहा है.

पुलवामा आतंकी हमला: भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस लिया

जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के तकरीबन 40 जवान मारे गए हैं.

सब कुछ बदलने का वादा करके आए मोदी ने भ्रष्ट आर्थिक नीतियों को ही आगे बढ़ाया

आज जब दुनिया में नाना प्रकार के खोट उजागर होने के बाद भूमंडलीकरण की ख़राब ​नीतियों पर पुनर्विचार किया जा रहा है, हमारे यहां उन्हीं को गले लगाए रखकर सौ-सौ जूते खाने और तमाशा देखने पर ज़ोर है.

क्या तिरंगा यात्राएं शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बनती जा रही हैं?

देश के झंडे को भी क्यों सांप्रदायिक आधार पर बांटा जा रहा है? क्या हम लड़ते-लड़ते इतने दूर आ गए हैं कि देश के झंडे का भी बंटवारा कर देंगे?