किसानों की मौत छिपाता और सैनिकों की मौत भुनाता दिखावटी राष्ट्रवाद

भाजपा और मीडिया के कुछ वर्ग ने उन्माद का ऐसा माहौल खड़ा कर दिया है, जैसे सैनिकों की मौत पर घड़ियाली आंसू बहाना और बात-बात पर युद्ध की बात करना- देख लेना और दिखा देना ही राष्ट्रवाद की असली निशानी रह गया है.