जेलों की दयनीय हालत पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़, कहा- क्या कैदियों के कोई अधिकार हैं?

जस्टिस मदन बी. लोकुर ने नाराज़गी भरे लहज़े में कहा, 'पूरी चीज़ का मज़ाक बना दिया गया है. क्या कैदियों के कोई अधिकार हैं? मुझे नहीं पता कि अधिकारियों की नजरों में कैदियों को इंसान भी माना जाता है या नहीं.’

जेल सुधारों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने किया समिति का गठन

जस्टिस अमिताव रॉय की अध्यक्षता वाली ये समिति महिला कैदियों से जुड़े मुद्दों को भी देखेगी. सुप्रीम कोर्ट देश की 1,382 जेलों में कैदियों की स्थिति से जुड़े मुद्दों की सुनवाई कर रही है.