मामला मध्य प्रदेश के उज्जैन का है. मृतक लोगों में से अधिकांश मज़दूर थे. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि संभवत: डिनेचर्ड स्प्रिट पीने से इनकी मृत्यु हुई है. प्राथमिक जांच में दो-तीन संदिग्ध व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं और उनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.
राज्य के तीन ज़िलों में ज़हरीली शराब पीने से दम तोड़ चुके लोगों की संख्या 112 हो चुकी है, जबकि कइयों का इलाज चल रहा है. बीमार लोगों ने बताया कि उनकी आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है. वहीं पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें शव सौंपने में देर की जा रही है.
बुधवार रात से अब तक तरन तारण में 63, अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 मौतें हुईं हैं. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी शर्मनाक है.
बीते दो दिनों में पंजाब के तीन ज़िलों में नकली शराब पीने से हुई 40 से अधिक मौतों के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं आंध्र प्रदेश में शराब न मिलने पर सैनेटाइजर पीने से दस लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले का मामला. पंजीकृत दुकान से ली गई थी शराब. मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका. बाराबंकी ज़िला आबकारी अधिकारी, नौ आबकारी कर्मचारियों और दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है.
असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि मौत का आंकड़ा हर मिनट बढ़ रहा है. अब तक लगभग 200 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और कइयों की हालत गंभीर है.
असम के गोलाघाट ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है क्योंकि शराब पीने के बाद बीमार पड़ने की वजह से बीते गुरुवार की रात को कई सारे लोगों को अस्पताल लाया गया था.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में 36, कुशीनगर ज़िले में नौ और उत्तराखंड के हरिद्वार में ज़हरीली शराब पीने से 36 लोगों की मौत हो चुकी है. मौतों के बाद राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू.