भारत में आरटीआई क़ानून आने के बाद पिछले 15 वर्षों में कितना बदलाव हुआ

सूचना का अधिकार क़ानून के 15 साल पूरे होने के मौके पर ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में कम से कम 3.33 करोड़ आवेदन दायर हुए. सूचना आयोग समय पर वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर रहे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद देश भर के सूचना आयोगों में 38 पद ख़ाली हैं, जो इस क़ानून के लिए बड़ा झटका है.

बजट में पारदर्शिता को लेकर कई बड़े राज्य फिसड्डी, असम पहले नंबर पर, मणिपुर सबसे नीचे: रिपोर्ट

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों की तुलना में केंद्र का बजट ज़्यादा पारदर्शी होता है. हालांकि केंद्र स्तर पर भी अभी भी कई ज़रूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाता है.

स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं मानवाधिकार आयोग, 10 राज्यों में अध्यक्ष पद ख़ाली: आरटीआई

सूचना का अधिकार क़ानून के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों के मुताबिक आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर और मेघालय के मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष का पद ख़ाली है. वहीं हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना का मानवाधिकार आयोग बिल्कुल बंद पड़ा हुआ है.

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के कुल ख़र्च का ब्योरा सरकार के पास उपलब्ध नहीं

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में राष्ट्रपति सचिवालय ने केवल यह जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ साउंड सिस्टम और बिजली उपकरणों पर 32 लाख रुपये ख़र्च हुए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और आठ राज्यों से पूछा, सूचना आयुक्त के पदों को भरने के लिए क्या किया

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र और राज्य के सूचना आयोगों में सूचना आयुक्त के पदों का ख़ाली रहना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. आरटीआई एक्ट पारित करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना था.

आरटीआई रैंकिंग: मोदी सरकार में छठे स्थान पर पहुंचा भारत, मनमोहन सरकार में दूसरे नंबर पर था

भारत से नौ साल बाद साल 2014 में आरटीआई लागू करने वाला अफगानिस्तान सूची में पहले स्थान पर है. अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था एक्सेस इन्फो यूरोप और सेंटर फॉर लॉ एंड डेमोक्रेसी ने जारी की है रिपोर्ट.

केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग में 30 प्रतिशत से अधिक पद खाली: अध्ययन

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग के 156 पदों में से करीब 48 पद खाली हैं. वहीं 2005 से 2016 के बीच 2.5 करोड़ से अधिक आरटीआई आवेदन दायर.

एक साल में भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा, 180 देशों की सूची में 81वें स्थान पर पहुंचा

ग़ैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 180 देशों की रिपोर्ट में भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे ख़राब स्थिति वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है.