पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल में जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिस पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा भारत की अपील के बाद रोक लगा दी गई थी.
डॉन अख़बार ने अपने संपादकीय में कहा है कि पाकिस्तान सरकार को मानवीय आधार पर जाधव की मां को वीजा प्रदान करना चाहिए.