ख़िलजी युद्ध जीतने के बाद पाता है कि उसे मुट्ठीभर राख के सिवा कुछ नहीं मिला

जायसी का ‘पद्मावत’ युद्ध की व्यर्थता को दिखाने वाली रचना है. यह प्रेम की पीड़ा को रेखांकित करने वाला काव्य है. क्या भंसाली की फिल्म में प्रेम की ये पीड़ा दिखेगी?