वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी के पहले राजनीतिक चुनाव प्रचार ने सबकुछ बदल दिया. पहली बार किसी पार्टी के नेता और उसके मुख्य चुनाव प्रचारक ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरा प्रचार अभियान चलाया.
'गद्दीनशीं अब्दुल वाहिद दरगाह आने वालों को ‘पाक़’ करने के लिए उनकी मर्ज़ी से उन्हें पीटता था. शनिवार को उसने 20 ज़ायरीनों की जान ले ली'