एक सुनवाई के दौरान कुछ दवाओं के क्लीनिकल परीक्षणों की मंज़ूरी संबंधी प्रक्रियाओं की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों के गायब होने पर हाईकोर्ट ने भारत के औषध महानियंत्रक से कहा कि यह हंसी का विषय नहीं है. यह कैसे कह सकते हैं कि संसद के समक्ष रखी गई एक समिति की रिपोर्ट का विवरण आपके पास उपलब्ध नहीं है.
यह बजट दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के बारे में न होकर एक ऐसे देश का बजट था, जो स्वास्थ्य पर दुनिया के किसी भी देश की तुलना में कम ख़र्च करता है, जहां सरकार चाहे कोई भी हो, नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाती.
बोले सांसद, अमेरिकी कंपनियों के दबाव में सरकार ने 127 दवाओं को नॉन-जेनेरिक कर दिया और उनको देश को लूटने की आज़ादी दे दी.