कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सबक यह है कि उसका पुनर्जीवन राहुल के करिश्मे की प्रतीक्षा में नहीं, नीतियों के पुनर्निर्धारण व अमल में है, जबकि भाजपा के लिए यह कि नीतिविहीनता के उसके वर्तमान हालात में नरेंद्र मोदी का खत्म होने को आ रहा करिश्मा कभी भी उसके सपनों के महल की सारी ईंटें भरभराकर गिरा देगा.
पूर्व पत्रकार आशीष खेतान ने निजी कारणों से सक्रिय राजनीति से दूर होने की बात कही है. हालांकि आगामी आम चुनाव के लिए दिल्ली की पांच सीटों के लिए चयनित प्रभारियों में नाम नहीं शामिल किए जाने को भी नाराज़गी की वजह बताया जा रहा है.
आईएएस अधिकारियों की ‘हड़ताल’ ख़त्म कराने समेत तीन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ 13 जून से उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरने पर बैठे हुए थे.
हम भी भारत की 39वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरना दिए जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर राजश्री चंद्रा और पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन से चर्चा कर रही हैं.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की भी तबीयत बिगड़ी. दोनों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
गैर भाजपा शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केजरीवाल के प्रति दिखायी एकजुटता, प्रधानमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग. पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सीख- दिल्ली सरकार को नियम और प्रावधान के अंदर काम करना चाहिए.
उपराज्यपाल के आॅफिस में अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगियों का धरना चौथे दिन भी जारी है तो वहीं भाजपा विधायक और आप के बागी कपिल मिश्रा मुख्यमंत्री कार्यालय पर धरने पर बैठे हैं.