पुलिस मुठभेड़ के बाद डकैती के आरोप में पकड़ा गया अख़लाक़ हत्याकांड का आरोपी

घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में सिंतबर, 2015 में मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के सभी 18 आरोपी जमानत पर हैं. इनमें से एक हरिओम लूटपाट और गाजियाबाद में चुरायी हुई संपत्ति बेईमानी से हासिल करने के कम से कम चार मामलों में वांछित था.

‘बहुमत’ की खोज

पूर्व में बहुमत अंकगणित से हासिल होता था, जो सामाजिक समूहों को एक साथ जोड़कर होता था, यह बहुमत सिर्फ वैचारिक मंच पर ही नहीं, बल्कि सत्ता में सभी की भागीदारी का वादा करके हासिल होता था. 2014 में भाजपा ने ख़ुद को चुनावी अंकगणित से दूर कर लिया और ध्रुवीकरण की प्रक्रिया से राष्ट्रीय बहुमत हासिल किया.

‘पिछले पांच सालों में ध्रुवीकरण ने कश्मीर मुद्दे की जटिलता को समझना और मुश्किल कर दिया है’

दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित और ऑस्कर के लिए नामित फिल्मकार अश्विन कुमार ने कहा कि कश्मीर दुनिया की कुछ ऐसी जगहों में से एक है, जहां सुंदरता और भय एक साथ मौजूद हैं.

इस चुनाव में मुसलमानों के लिए क्या है?

आज भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर में है जब कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम समुदाय की बात नहीं करना चाहती. वे राजनीतिक रूप से अछूत बना दिए गए हैं. अब उनका इस्तेमाल बहुसंख्यक आबादी को वोट बैंक में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है.

अख़लाक़ का गांव: ‘आप लोग जाइए, हम अपने जहन्नुम में ख़ुश हैं’

भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मोहम्मद अख़लाक़ को मार दिए जाने के करीब चार साल बाद दादरी के बिसाहड़ा गांव में कोई पछतावा नहीं दिखता. यहां के मुसलमानों ने ख़ुद को क़िस्मत के हवाले कर दिया है.

मंदिर से जुड़ी भड़काऊ बयानबाज़ी पर प्रतिक्रिया न दें मुसलमान: बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी

उत्तर प्रदेश बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक ज़फरयाब जिलानी ने बताया कि वे अदालती कार्यवाही से संतुष्ट हैं, लेकिन अगर मोदी सरकार मंदिर बनाने पर कोई अध्यादेश या क़ानून लाती है, तो उसे चुनौती दी जाएगी.

क्यों पूरी ताक़त झोंकने के बावजूद राजस्थान में भाजपा ध्रुवीकरण करने में नाकाम रही

भाजपा के स्टार प्रचारक और स्थानीय नेता राजस्थान के चुनावी रण में हिंदू मतदाताओं को लामबंद करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एकाध सीट को छोड़कर इसका असर होता हुआ नहीं दिख रहा.

क्यों गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गया है?

गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: लगातार जीत से अति-आत्मविश्वास की शिकार भाजपा के लिए यह उपचुनाव आसान नहीं रह गया है. दोनों उपचुनाव शुरू से ही पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं क्योंकि यहां के प्रतिकूल परिणाम उसे बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं.

कर्नाटक का चुनाव सांप्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता के बीच होगा: सिद्धारमैया

संघ-भाजपा में आतंकवादी होने के कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान के ख़िलाफ़ भाजपा का प्रदर्शन. कहा- कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनेगी.