निर्भया कोष ख़र्च नहीं होने पर अदालत ने झारखंड सरकार को लगाई फटकार, कहा- शर्म की बात

साल 2013 में पांच साल की एक बच्ची के बलात्कार के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में झारखंड पुलिस अब तक अपराधियों का पता नहीं लगा सकी है. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की.

देश में महिला सुरक्षा के दावों की पोल खोलते एनसीआरबी के आंकड़े

वीडियोः देश में लगातार सामने आ रहे बलात्कार और यौन हिंसा के मामले महिला सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले दावों के उलट हैं. एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बीते तीन सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कोई कमी नहीं आई है.बता रही हैं रीतू तोमर.

महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़े लेकिन कई राज्यों ने इस्तेमाल नहीं किया निर्भया फंडः सरकार

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान निर्भया कोष के आवंटन के संबंध में सरकार ने बताया कि इस मद में आवंटित धनराशि में से 11 राज्यों ने एक रुपया भी ख़र्च नहीं किया. दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, दादरा नगर हवेली और गोवा जैसे राज्यों को महिला हेल्पलाइन के लिए दिए गए पैसे जस के तस पड़े हैं.

राज्यों ने 2018 तक निर्भया फंड का केवल 20 फीसदी इस्तेमाल किया

केंद्र सरकार द्वारा साल 2018 तक जारी किए गए 854.66 करोड़ रुपये में से विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने मात्र 165.48 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया.

महिला शक्ति केंद्र: 2019 तक बनाने थे 440 केंद्र, लेकिन अब तक सिर्फ 24 ही बने

मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: नवंबर 2017 में मोदी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए महिला शक्ति केंद्र नाम की एक योजना शुरू की, जिसके तहत देश के 640 जिलों में महिला शक्ति केंद्र बनाए जाने थे. 2019 तक ऐसे 440 केंद्र बनाने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक सिर्फ 24 केंद्र ही बने हैं. साथ ही किसी भी राज्य ने इन केंद्रों में काम शुरू होने की रिपोर्ट नहीं दी है.

महिला सुरक्षा: न तो निर्भया फंड की राशि ख़र्च हो रही, न योजनाएं लागू हो पा रही हैं

मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: दिल्ली में ‘निर्भया’ मामले के बाद सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड बनाया था, लेकिन इस फंड के उपयोग में बरती गई लापरवाही से महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति सरकार की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

छत्तीसगढ़: ढाई साल में लगभग तीन हजार महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार

निर्भया फंड के तहत बनी महिला हेल्पलाइन पर आई शिकायतों से पता चला है कि 25 जून 2016 से 17 जनवरी 2019 के बीच कुल 5197 महिलाओं ने इस हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिनमें सबसे ज्यादा 2803 मामले घरेलू हिंसा के हैं.

निर्भया कोष से केवल 5 से 10 फीसद पीड़ितों को ही मुआवज़ा मिला: नालसा

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निदेशक ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह चौंकाने वाला है कि आंध्र प्रदेश में 2017 में यौन हिंसा के 901 मामले दर्ज हुए परंतु सिर्फ एक ही पीड़ित को मुआवज़ा मिल सका.