मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित नादिया मुराद ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं. यहां तक कि कई महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी बाधित हो गई है.
एक ऐसे समय में जब विकसित कहे जाने वाले देशों में कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़ती जा रही है, अस्पतालों से महज़ मरीज़ों की ही नहीं बल्कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के गुजरने ख़बर आना अपवाद नहीं रहा, क्यूबा सरीखे छोटे-से मुल्क़ ने इससे निपटने में अपनी गहरी छाप छोड़ी है.
अदालत ने कहा कि उनका ये आदेश म्यांमार पर बाध्यकारी है और वे चार महीने में आईसीजे को रिपोर्ट देकर बताएं कि उन्होंने आदेश के अनुपालन के लिए क्या किया.
अगस्त 2017 से शुरू हुए सैन्य अभियानों के चलते करीब 7,40,000 रोहिंग्या लोगों को सीमापार बांग्लादेश भागना पड़ा था. पिछले साल सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि म्यांमार में करीब छह लाख रोहिंग्या मुसलमान नरसंहार के गंभीर ख़तरे का सामना कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की फैक्ट फाइंडिंग मिशन ने एक रिपोर्ट में कहा कि म्यांमार लगातार नरसंहार की सोच को पनाह दे रहा है.
डॉ. मिरेकल के नाम से मशहूर डॉ. डेनिस मुकवेगे ने युद्ध प्रभावित कांगो गणराज्य में बलात्कार पीड़ित महिलाओं का तकरीबन दो दशक तक इलाज किया है. वहीं मुराद इराक की उन युवतियों में से एक हैं जो आतंकी संगठन आईएस की सेक्स स्लेव रहीं और आईएस के चंगुल से छूटने के बाद अपने जैसी महिलाओं के लिए काम किया.
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित म्यांमार की नेता आंग सान सू ची को कनाडा की संसद ने 2007 में मानद नागरिकता दी थी.
दो बार संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रहे कोफी अन्नान को वर्ष 2001 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
चीन में मानवाधिकारों को लेकर लंबे और अहिंसक संघर्ष के लिए लियू को 2010 नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.