गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को भेजे एक पत्र में आरोप लगाया गया है कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में किसान प्रवासी श्रमिकों को उनके खेतों में काम करने के लिए ड्रग्स दे रहे हैं, ताकि उनसे लंबे समय तक काम लिया जा सके. इसके जवाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा लगातार आतंकवादी, शहरी नक्सली और ग़ुंडे बताकर बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं.
गृह मंत्रालय ने साल 2019-2020 में बीएसएफ द्वारा इस तरह की खोज का हवाला देते हुए पंजाब सरकार को एक पत्र भेजा है. हालांकि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों इसकी निंदा की है. इनका कहना है कि उन्हें खालिस्तानी और आतंकवादी कहने के बाद केंद्र सरकार एक और सांप्रदायिक कार्ड खेल रही है.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि किसानों के हितों को दरकिनार कर इन क़ानूनों को लागू होने नहीं दिया जा सकता. उन्होंने सवाल उठाया कि जब कॉरपोरेट्स साथ किए गए समझौते से संबंधित किसी विवाद पर किसानों को दीवानी अदालतों के आने से रोका जाता है तो किसे फायदा होगा?
मध्य प्रदेश की सरकार ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन क़ानून के प्रस्ताव पारित करते हुए इसे भारतीय संविधान की मूल भावना का उल्लंघन बताया. इससे पहले केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार से इस क़ानून को रद्द करने के साथ एनआरसी को क्रियान्वित करने और एनपीआर को अपडेट करने की योजनाओं को निरस्त करने की भी अपील की गई है. इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान में इस विवादास्पद क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र सरकार से इस कानून को रद्द करने का आग्रह किया है. इस दौरान विधानसभा में भाजपा के कई नेताओं ने नागरिकता कानून के पक्ष में नारेबाजी की.
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विधानसभा में इस प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून असंवैधानिक है और इसे ख़त्म किया जाना चाहिए. संसद में इसके पक्ष में मतदान करने वाले शिरोमणि अकाली दल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है.
यह प्रस्ताव पंजाब सरकार के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा द्वारा लाया गया. उन्होंने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने जीवनभर जाति और लिंग आधारित भेदभाव के ख़िलाफ़ संघर्ष किया और महिलाओं के ख़िलाफ़ इस भेदभाव का भी अंत होना चाहिए.
दिल्ली बार काउंसिल ने आप विधायक और सुप्रीम कोर्ट के वक़ील फुलका के लाभ के पद पर होने की बात कहते हुए उन्हें कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य के ख़िलाफ़ कई मामलों में पीड़ितों की ओर से अदालत में पेश होने की इजाज़त नहीं दी थी.