भारत में जलवायु आपदाओं और संघर्षों की वजह से 2020 में 39 लाख लोग विस्थापित हुए: रिपोर्ट

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट द्वारा जारी ‘भारत के पर्यावरण की स्थिति की रिपोर्ट 2021’ के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में पलायन के लिहाज़ से भारत दुनिया का चौथा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन गया है. चीन, फिलीपींस और बांग्लादेश में पिछले साल सर्वाधिक पलायन हुआ. प्रत्येक देश में 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

कोविड संबंधी योजनाओं के लाभ के लिए प्रवासी कामगारों के पंजीकरण प्रक्रिया बेहद धीमी: अदालत

सुप्रीम कोर्ट तीन मानव अधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से दाख़िल आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रवासी कामगारों को खाद्य सुरक्षा, नकदी हस्तांतरण, परिवहन सुविधा तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश केंद्र और राज्य सरकारों को देने का अनुरोध किया गया है.

कोरोना की दूसरी लहर में हिमाचल के प्रवासी मज़दूरों का भविष्य फिर अनिश्चित हो गया है

इस पहाड़ी राज्य में काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों को डर है कि साल 2020 में कोरोना की पहली लहर में राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जो दुख और चुनौतियां झेलीं, इस बार भी वैसा ही होने वाला है.

हमारा संविधान: दोहरी नागरिकता और नागरिकता पर क़ानून में संशोधन करने की शक्ति

वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 9 दोहरी नागरिकता पर रोक लगाता है. अनुच्छेद 10 कहता है कि नागरिकता का अधिकार जो अनुच्छेद 5 से 8 में दिया गया है, वो बना रहेगा, जब तक संसद क़ानून द्वारा उसे बदलती नहीं है. नागरिकता संबंधी कानूनों के बारे में विस्तार से बता रही हैं अवनि बंसल.

भारत में संविधान की शुरुआत के बाद किसे नागरिक माना गया

वीडियो: हमारा संविधान कार्यक्रम के सातवें एपिसोड में जानिए भारतीय संविधान बनने के बाद किसे मिला नागरिकता का अधिकार. निवास और किसी अन्य देश से आए लोगों के लिए कैसे तय किया गया नागरिकता का अधिकार.

जलवायु आपदाओं के चलते 2050 तक साढ़े चार करोड़ भारतीय विस्थापित हो सकते हैं: रिपोर्ट

एक्शन एड इंटरनेशनल और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क साउथ एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से कम पर रोकने की राजनीतिक असफलता के कारण अकेले दक्षिण एशिया में बड़ी संख्या में विस्थापन होगा और यह क्षेत्र बाढ़, सूखा, तूफान, चक्रवात जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं से जूझेगा.

बिहार: कमाने के लिए पंजाब गए कामगार सिख धर्म क्यों अपना रहे हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: अररिया ज़िले की हलहलिया पंचायत में मुसहर जाति समेत पिछड़े वर्गों के कई कामगार, जो आजीविका कमाने के लिए पंजाब गए थे, उन्होंने सिख धर्म अपना लिया है. उनका कहना है कि वे इस बात से बहुत प्रभावित हुए कि इस धर्म में ऊंच-नीच का कोई भेदभाव नहीं किया जाता.

कुबौल: नीतीश कुमार के ‘सुशासन’ पर सवाल खड़े करता बिहार का एक गांव

ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के दरभंगा ज़िले के किरतपुर प्रखंड का कुबौल गांव कोसी नदी के बाढ़ क्षेत्र में आता है. बाढ़ के कई महीनों बाद तक पानी में डूबा रहने वाला यह गांव उन बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम है, जिन्हें नीतीश सरकार अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनवा रही है.

बिहार चुनाव: पलायन से प्रभावित गांव में न सरकार से नाराज़गी है, न ही कोई उम्मीद

ग्राउंड रिपोर्ट: आजीविका की तलाश में राज्य से पलायन की जिस बात को बिहार में चुनावी मुद्दा बताया जा रहा है, उसे मधुबनी ज़िले के बस्सीपट्टी गांव के लोग अपनी नियति मानकर स्वीकार कर चुके हैं.

कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान एक करोड़ से अधिक प्रवासी कामगार अपने राज्य लौटे: सरकार

लोकसभा में सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के चलते सबसे ज़्यादा प्रवासी मज़दूर उत्तर प्रदेश, उसके बाद बिहार फिर पश्चिम बंगाल लौटे हैं.

लॉकडाउन: विभिन्न राज्यों वापस दिल्ली लौटे प्रवासी मज़दूरों की आपबीती

वीडियो: बीते 24 मार्च को कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद पूरे देश से मज़दूर पलायन कर अपने मूल राज्यों को लौट गए थे. हालांकि वहां कोई काम न मिलने के बाद अब मज़दूरों ने वापस बड़े शहरों का रुख़ करना शुरू कर दिया है. दिल्ली लौटे मज़दूरों से बातचीत.

भारत बीते 50 सालों की सबसे भयावह मानवीय त्रासदी के दौर में प्रवेश कर चुका है

अब जब देश में सारी व्यवस्थाएं धीरे-धीरे खुलने लगी हैं, तब ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही है कि भूख और रोजी-रोटी की समस्या ख़त्म हो गई है. जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है.

कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने ईमानदार कोशिश नहीं की

कोरोना से बिगड़ती स्थितियों को संभालने में केंद्र सरकार की सारी नीतियां फेल हो चुकी हैं. सरकार की इस विफलता का ख़ामियाज़ा कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा.

यूपी: कृषि संसाधन होते हुए भी क्यों पलायन को मजबूर हुईं वनटांगियों की कई पीढ़ियां

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर-महराजगंज ज़िले को कभी बेशकीमती साखू-सागौन के जंगल लगाकर आबाद करने वाले वनटांगियों के पास पर्याप्त ज़मीन और कृषि संसाधन थे, लेकिन समय के साथ नई पीढ़ियां उचित आय और आजीविका के अभाव में शहर की राह पकड़ने को विवश हो गईं.

कोरोना से लड़ाई में हमसे गलती हुई होगी लेकिन विपक्ष ने क्या किया: अमित शाह

ओडिशा के लिए एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक जन और एक मन’ के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाया जिसकी वजह से आज भारत, दुनिया में अच्छी स्थिति में है.

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