गुजरात ‘मॉडल’ को चुनौती देने वाले केवड़िया कॉलोनी संघर्ष का पुनरावलोकन

जहां देश एक ओर 'गुजरात मॉडल' के भेष में पेश किए गए छलावे को लेकर आज सच जान रहा है, वहीं गुजरात के केवड़िया गांव के आदिवासियों ने काफ़ी पहले ही इसके खोखलेपन को समझकर इसके ख़िलाफ़ सफलतापूर्वक एक प्रतिरोध आंदोलन खड़ा किया था.

पुलिसकर्मी को जेल अधीक्षक के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है: उत्तराखंड हाईकोर्ट

अदालत ने कहा कि हम क़ैदियों के सुधार और पुनर्वास के दौर में आ गए हैं. पुलिस एवं जेल प्रशासन की ट्रेनिंग अलग-अलग होती है, इसी आधार पर उनकी सोच का भी निर्माण होता है, इसलिए पुलिस अधिकारी को जेल का काम नहीं सौंपा जा सकता.

सिर पर मैला ढोने की प्रथा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्यों को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 1993 के बाद से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से काम पर रखे गए सिर पर मैला ढोने वाले लोगों की संख्या के बारे में स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा था. हालांकि याचिकाकर्ता ने कहा कि 40 से अधिक राज्यों में से केवल 13 ने ही हलफ़नामा दाख़िल किया है.

आम बजट ने लफ़्फ़ाज़ी के अलावा शहरी ग़रीबों को कुछ नहीं दिया

वैश्विक महामारी दौर में केंद्रीय बजट के बाद शहरों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था जिसमें शब्दों के परे ऐतिहासिक करने का अवसर था. शहरी ग़रीबों को लगा था कि यह बजट उनका होगा, लेकिन कुछ घोषणाओं व शब्दों के खेल के अलावा बजट में महत्वपूर्ण रूप से उनकी बात नहीं हो पाई.

देश में हाथ से मैला ढोने वाले 66 हज़ार से अधिक लोगों की पहचान की गई: सरकार

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि पिछले पांच सालों में नालों और टैंकों की सफाई के दौरान 340 लोगों की जान गई है.

कश्मीरी पंडितों ने 31वें ‘विस्थापन दिवस’ पर जम्मू में प्रदर्शन किया

विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने घाटी में वापसी, पुनर्वास और घाटी में बसने के लिए एक स्थान देने की अपनी मांगों के समर्थन में जम्मू स्थित संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की कि 1990 में उन लोगों को घाटी से बाहर करने के पीछे ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए एक ‘नरसंहार आयोग’ का गठन किया जाए.

केंद्र ने अदालत से कहा, रेल लाइन के साथ बसी झुग्गियों पर फिलहाल कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी

बीते 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में दिल्ली में लगभग 140 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक के आसपास में फैली क़रीब 48,000 झुग्गी-झोपड़ियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया था.

त्रिपुरा: ब्रू विस्थापन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन पर पुलिस की गोलीबारी, दो की मौत

मिज़ोरम से आए ब्रू प्रवासियों को त्रिपुरा में बसाने के विरोध में संयुक्त आंदोलन समिति उत्तरी त्रिपुरा ज़िले के पानीसागर में असम-अगरतला राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर प्रदर्शन कर रही थी, जब पुलिस ने बल प्रयोग और फायरिंग की. पुलिस का कहना है कि उनकी तरफ से आत्मरक्षा में गोली चलाई गई थी.

‘नेता पुल बनवा देंगे कहकर वोट ले जाते हैं और हम वहीं के वहीं रह जाते हैं’

ग्राउंड रिपोर्ट: यूपी-बिहार सीमा पर पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के गंडक नदी के किनारे बसे आखिरी धूमनगर गांव के कुछ टोले केवल नावों के सहारे जुड़े हैं. ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से पुल बनाने की मांग उठने के बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं है.

बिहार: कोसी में बाढ़ से बचने को बनाए जा रहे तटबंध सभी रहवासियों के लिए ख़ुशी का सबब नहीं हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: आज़ादी के बाद कोसी की बाढ़ से राहत दिलाने के नाम पर इसे दो पाटों में क़ैद किया गया था और अब लगातार बनते तटबंधों ने नदी को कई पाटों में बंद कर दिया है. इस बीच सुपौल, सहरसा, मधुबनी ज़िलों के नदी के कटान में आने वाले गांव तटबंध के लाभार्थी और तटबंध के पीड़ितों की श्रेणी में बंट चुके हैं.

‘घर बनवाने के लिए पैसे जुटाए थे लेकिन गांव का हाल देखकर नाव बनवा ली’

ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के सुपौल ज़िले के निर्मली विधानसभा क्षेत्र में कोसी नदी के सिकरहट्टा-मंझारी तटबंध पर बसे पिपराही गांव से गुज़र रही धारा में कम पानी होता था, पर बीते कई सालों से बारह महीने इतना पानी रहता है कि बिना नाव के पार नहीं किया जा सकता है. इस साल मई से सितंबर के बीच यहां पांच बार बाढ़ आ चुकी है.

बिहार चुनाव: ‘हमरे दुख में केहू नाहीं आइल, वोट मांगे के मुंह केहू के ना बा’

ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम चंपारण ज़िले के लक्ष्मीपुर रमपुरवा गांव के सीमाई पांच टोले के पांच सौ से अधिक ग्रामीण गंडक नदी की बाढ़ और कटान से हुई व्यापक तबाही के बाद फिर से ज़िंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में लगे हैं. अस्तित्व के संकट जूझ रहे इन टोलों में चुनावी कोलाहल की गूंज नहीं पहुंची है.

शहरी विकास मंत्रालय और दिल्ली सरकार के संयुक्त फ़ैसले के बिना अतिक्रमण नहीं हटाएंगे: रेलवे

दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे बसी 48 हज़ार झुग्गियों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने पुनर्वास की याचिका दायर की थी. इस पर केंद्र के यह कहने कि अंतिम निर्णय लेने तक झुग्गियां नहीं हटेंगी, कोर्ट ने कहा कि बस्तियों के ख़िलाफ़ चार सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

कोसी की बाढ़ और कटान: हर साल गुम हो रहे गांव और रहवासियों के दुखों की अनदेखी

विशेष रिपोर्ट: कोसी योजना को अमल में लाए छह दशक से अधिक समय हो चुका है. सरकारी दस्तावेज़ों में योजना के फ़ायदे गुलाबी हर्फ़ में दर्ज हैं लेकिन बुनियादी सुविधाओं से वंचित कोसीवासियों की पीड़ा बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई के नाम पर लाई गई एक योजना की त्रासदी को सामने लाती है.

मिज़ोरम से विस्थापित ब्रू आदिवासी त्रिपुरा में स्थायी रूप से बसेंगे, समझौते पर हुआ हस्ताक्षर

वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के तक़रीबन 37 हज़ार लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के मामित, कोलासिब और लुंगलेई ज़िलों में बस गए थे. इन्हें वापस भेजने के क्रम में पिछले साल केंद्र ने ​त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थी शिविरों में दी जाने वाली मुफ्त राशन की व्यवस्था रोक दी थी, जिसके बाद काफी प्रदर्शन ​हुआ था.

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