जॉनसन एंड जॉनसन पर आरोप है कि उसके दोषपूर्ण हिप इंप्लांट के चलते दुनियाभर में ढेरों मरीजों की सेहत पर बुरा असर पड़ा है. अमेरिका में कई मुकदमों के बाद अब कंपनी एक अरब डॉलर का जुर्माना भरेगी, जबकि भारत में यह पीड़ितों को मुआवज़ा देने को तैयार नहीं है.
ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया ने जांच में पाया है कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत बांटी जाने वाली देश की 18 फार्मा कंपनियों की दवाओं के 25 बैच गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं. इन कंपनियों में 17 निजी क्षेत्र और एक सार्वजनिक क्षेत्र की है.
मशहूर फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर आरोप है कि उसकी हिप इंप्लांट डिवाइस की वजह से दुनिया भर के कई मरीजों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. भारत में कंपनी के गलत हिप इंप्लांट डिवाइस की वजह से लगभग 3600 मरीज प्रभावित हुए हैं और कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है.
फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने 24 अगस्त 2010 को ही दुनियाभर से अपनी दोषपूर्ण हिप इंप्लांट (कूल्हा प्रतिस्थापन) डिवाइस को वापस ले लिया था लेकिन भारतीय आयातकों ने इस पर प्रतिबंध लगाने और लाइसेंस रद्द करने में करीब दो साल लगा दिए.