उपचुनाव: ओडिशा की दोनों सीटें बीजद के नाम, तेलंगाना में भाजपा और हरियाणा में कांग्रेस की जीत

ओडिशा के बालासोर सीट सत्तारूढ़ बीजद ने मंगलवार को भाजपा से छीन ली और तिरतोल सीट बचाने में भी कायमाब रही. तेलंगाना की दुब्बाक सीट पर सत्तारूढ़ टीआरएस को झटका, भाजपा ने दर्ज की जीत. हरियाणा की बरोदा सीट में कांग्रेस उम्मीदवार इंदु राज नरवाल ने भाजपा के योगेश्वर दत्त को हराया.

कोविड-19: ओडिशा के एक क्वारंटीन सेंटर में महिला ने फांसी लगाई

मामला बालासोर ज़िले का है. हैदराबाद के एक निजी फर्म में काम करने वाली 50 वर्षीय महिला 20 जून को लौटी थीं. उन्हें अन्य लोगों के साथ जयरामपुर के क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था.

ओडिशा में जादू-टोने के शक़ में तीन लोगों की हत्या, गुजरात में डायन बताकर महिलाओं से मारपीट

ओडिशा में अलग-अलग घटनाओं में जादू-टोने के संदेह में तीन लोगों की हत्या का मामला सामने आया है. वहीं बालासोर ज़िले में काला जादू करने के संदेह में एक वृद्ध और उनकी बेटी से मारपीट कर उन्हें गोबर मिला पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.

जिसे वंदे मातरम स्वीकार न हो, उसे भारत में रहने का अधिकार नहींः प्रताप सारंगी

केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि नागरिकता कानून को 70 साल पहले लागू हो जाना चाहिए था. नागरिकता कानून देश विभाजन के पाप का प्रायश्चित है. यह कांग्रेस के पाप का प्रायश्चित है.

क्या वंदे मातरम न कहने वालों को भारत में रहने का अधिकार होना चाहिए: प्रताप सारंगी

ओडिशा के बालासोर से पहली बार सांसद बनने वाले प्रताप चंद्र सारंगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री हैं. संसद में अपना पहला भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि देश टुकड़े-टुकड़े गैंग को कभी स्वीकार नहीं करेगा.

ओडिशा का मोदी कहे जा रहे केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी के ख़िलाफ़ दर्ज हैं सात गंभीर मामले

वीडियो: मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ओडिशा में बजरंग दल के प्रमुख रह चुके हैं. उनके चुनावी हलफ़नामे के अनुसार, उनके ख़िलाफ़ दंगा करने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी और जबरन वसूली के आरोपों के तहत मामले दर्ज हैं.

ओडिशा का मोदी कहे जा रहे केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी के ख़िलाफ़ दर्ज हैं सात गंभीर मामले

मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ओडिशा में बजरंग दल के प्रमुख रह चुके हैं. उनके चुनावी हलफ़नामे के अनुसार, उनके ख़िलाफ़ दंगा करने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी और जबरन वसूली के आरोपों के तहत मामले दर्ज हैं.