बिहार क्या इस दलदल से निकल पाएगा?

वीडियो: बिहार विधानसभा चुनावों पर मुज़फ़्फ़रपुर से स्वतंत्र पत्रकार सौरभ कुमार, चुनाव विश्लेषक आशीष रंजन और दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के छात्र नील माधव से प्रो. अपूर्वानंद की बातचीत.

‘नेता चुनाव के समय आश्वासन देते हैं कि इस साल पुल बन जाएगा, अब तक तो वो दिन नहीं आया’

ग्राउंड रिपोर्ट: तीन नदियों से घिरे मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के औराई विधानसभा क्षेत्र के कई गांव आज भी आवागमन के लिए ग्रामीणों द्वारा चंदा इकठ्ठा करके बनाए गए बांस-बल्ली के अस्थायी पुलों पर निर्भर हैं. ग्रामीण बताते हैं कि कई बार इस बारे में नेताओं से मिले, पर आज तक उनके आश्वासन का कोई नतीजा नहीं निकला.

‘नेता पुल बनवा देंगे कहकर वोट ले जाते हैं और हम वहीं के वहीं रह जाते हैं’

ग्राउंड रिपोर्ट: यूपी-बिहार सीमा पर पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के गंडक नदी के किनारे बसे आखिरी धूमनगर गांव के कुछ टोले केवल नावों के सहारे जुड़े हैं. ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से पुल बनाने की मांग उठने के बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं है.

बिहार: कोसी में बाढ़ से बचने को बनाए जा रहे तटबंध सभी रहवासियों के लिए ख़ुशी का सबब नहीं हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: आज़ादी के बाद कोसी की बाढ़ से राहत दिलाने के नाम पर इसे दो पाटों में क़ैद किया गया था और अब लगातार बनते तटबंधों ने नदी को कई पाटों में बंद कर दिया है. इस बीच सुपौल, सहरसा, मधुबनी ज़िलों के नदी के कटान में आने वाले गांव तटबंध के लाभार्थी और तटबंध के पीड़ितों की श्रेणी में बंट चुके हैं.

‘घर बनवाने के लिए पैसे जुटाए थे लेकिन गांव का हाल देखकर नाव बनवा ली’

ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के सुपौल ज़िले के निर्मली विधानसभा क्षेत्र में कोसी नदी के सिकरहट्टा-मंझारी तटबंध पर बसे पिपराही गांव से गुज़र रही धारा में कम पानी होता था, पर बीते कई सालों से बारह महीने इतना पानी रहता है कि बिना नाव के पार नहीं किया जा सकता है. इस साल मई से सितंबर के बीच यहां पांच बार बाढ़ आ चुकी है.

बिहार चुनाव: ‘हमरे दुख में केहू नाहीं आइल, वोट मांगे के मुंह केहू के ना बा’

ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम चंपारण ज़िले के लक्ष्मीपुर रमपुरवा गांव के सीमाई पांच टोले के पांच सौ से अधिक ग्रामीण गंडक नदी की बाढ़ और कटान से हुई व्यापक तबाही के बाद फिर से ज़िंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में लगे हैं. अस्तित्व के संकट जूझ रहे इन टोलों में चुनावी कोलाहल की गूंज नहीं पहुंची है.

बिहार: इस साल राज्य में बाढ़ से बर्बाद हुआ 7.54 लाख हेक्टेयर फसली क्षेत्र

लोकसभा में सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि वर्ष 2019-20 में पूरे देश के 114.295 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई, जिसमें बिहार में बाढ़ से प्रभावित कुल फसल 2.61 लाख हेक्टेयर थी.

बिहार: 15 साल सरकार में रह चुकी भाजपा के लिए सुशांत सिंह राजपूत की मौत चुनावी मुद्दा क्यों है?

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रहे हैं और तीनों ही केंद्र सरकार के अधीन हैं. केंद्र और बिहार में एनडीए की ही सरकार है. ऐसे में सवाल है कि ‘जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत’ हैशटैग चलाकर बिहार में भाजपा जस्टिस किससे मांग रही है?

कोसी की बाढ़ और कटान: हर साल गुम हो रहे गांव और रहवासियों के दुखों की अनदेखी

विशेष रिपोर्ट: कोसी योजना को अमल में लाए छह दशक से अधिक समय हो चुका है. सरकारी दस्तावेज़ों में योजना के फ़ायदे गुलाबी हर्फ़ में दर्ज हैं लेकिन बुनियादी सुविधाओं से वंचित कोसीवासियों की पीड़ा बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई के नाम पर लाई गई एक योजना की त्रासदी को सामने लाती है.

बिहार: बाढ़ से 16 ज़िलों में 81.79 लाख लोग प्रभावित, अब तक 27 लोगों की जान गई

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियां ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. दरभंगा ज़िले में सबसे अधिक 15 प्रखंडों के 227 पंचायतों की 20.61 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

‘बिहार में बाढ़ प्राकृतिक नहीं, राजनीतिक आपदा है’

वीडियो: इन दिनों पूरा बिहार बाढ़ की चपेट में है. इस रिपोर्ट में बिहार से गुज़रने वाले नेशनल हाईवे 57 पर प्लास्टिक शीट डालकर रह रहे बाढ़ प्रभावित लोगों से उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश की गई है.

बिहार बाढ़: 16 ज़िलों में 75 लाख से ज़्यादा की आबादी प्रभावित

बिहार के दरभंगा ज़िले में सबसे अधिक 15 प्रखंडों की 220 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. मौसम विभाग ने कई इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका जताई है. चार ज़िलों- सारण, सीवान, गया और नवादा में अलर्ट जारी किया है.

बिहार: बाढ़ से अब तक 21 लोगों की मौत, 16 ज़िलों के 69 लाख से अधिक लोग प्रभावित

प्रदेश में बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, गंगा, अधवारा, खिरोई और घाघरा नदी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. दरभंगा ज़िले की स्थिति बेहद ख़राब है, जहां 202 पंचायतों की 18 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

बिहार: बाढ़ से चौदह ज़िलों के 56.53 लाख लोग प्रभावित, 13 लोगों की मौत

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक दरभंगा ज़िले में सर्वाधिक 18.6 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. समस्तीपुर-दरभंगा रेलवे लाइन पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद है. वहीं ओडिशा में आकाशीय बिजली गिरने छह लोगों की मौत हुई है.

‘नेता लोग हवाई जहाज से बैठ के देखता है, उ लोग को नाव में आके देखना चाहिए कि हम किस हाल में हैं’

ग्राउंड रिपोर्ट: कोरोना वायरस का केंद्र बनकर उभर रहे बिहार के कई इलाके बाढ़ के ख़तरे से भी जूझ रहे हैं. उत्तर बिहार के लगभग सभी ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों की आबादी प्रभावित है. लेकिन पानी में डूबे गांव-घरों में जैसे-तैसे गुज़ारा कर रहे लोगों को मदद देना तो दूर, सरकार उनकी सुध ही नहीं ले रही है.