विहिप ने अयोध्या को रणक्षेत्र बनाया तो ‘हिंदू’ हुई हिंदी पत्रकारिता

मुख्यधारा की पत्रकारिता तो शुरुआती दिनों से ही राम जन्मभूमि आंदोलन का अपने व्यावसायिक हितों के लिए इस्तेमाल करती और ख़ुद भी इस्तेमाल होती रही. 1990-92 में इनकी परस्पर निर्भरता इतनी बढ़ गई कि लोग हिन्दी पत्रकारिता को हिंदू पत्रकारिता कहने लगे.

नरेंद्र मोदी का ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान महज़ पाखंड है

मोदी का प्रचार करने वाले उन्हें 'चौकीदार' कहने वाले अभियान के सहारे उनकी छवि बदलना चाहते हैं. हालांकि उनकी भ्रष्टाचार-विरोधी साख की सच्चाई का पता उनके कार्यालय और सरकार द्वारा बड़े उद्योगपतियों के कथित आपराधिक भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई न करने से लगाया जा सकता है.

क्या अपराधी नेताओं के पक्ष में काम करती है भारत की नौकरशाही?

सवाल है कि क्या हमारे नेता नौकरशाही में अपने समर्थ सहयोगियों की मिलीभगत के बग़ैर ही अकूत काला धन जमा करने और तरह-तरह के अपराध करने में कामयाब हो जाते हैं?

अयोध्या एक शहर का नाम है जिसमें इंसान रहते हैं

यह वह अयोध्या नहीं है जिसको सार्वजनिक कल्पना में विहिप और भाजपा या दिल्ली के तथाकथित लिबरल्स व मार्क्सवादी बुद्धिजीवियों ने स्थापित किया है. यह एक सामान्य शहर है.

अयोध्या विवाद: इस देश की राजनीति धर्मनिरपेक्ष विरासत और संकल्प भूल चुकी है

देश के वामपंथी और समाजवादी बौद्धिकों ने धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का पूरा दारोमदार मंडलवादी और आंबेडकरवादी आंदोलनों पर डाल दिया लेकिन इन आंदोलनों ने देश को इतने भ्रष्ट नेता दिए कि उनके पास धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का नैतिक बल ही नहीं बचा.

छह दिसंबर हिंदुओं के लिए पश्चाताप, क्षमायाचना और आत्मचिंतन का दिन होना चाहिए

26 साल पहले आज ही के दिन स्वयं को रामभक्तों की सेना कहने वालों ने एक ऐसा जघन्य कृत्य किया था जिसके कारण पूरी दुनिया के सामने हिंदू धर्म का सिर हमेशा के लिए कुछ नीचे हो गया.

गुजरात में भाजपा के 70 उम्मीदवारों की सूची जारी, पटेल समुदाय को सर्वाधिक 17 टिकट

गुजरात चुनाव राउंड अप: शरद बोले, राहुल की बदली छवि से पीएम डरे. पाटीदार आंदोलन समिति का भाजपा पर आरोप, हार्दिक को बदनाम करने के लिए 40 करोड़ का सौदा.