बीते शनिवार को भंडारा के ज़िला अस्पताल में आग लगने से दस नवजात बच्चों की मौत हो गई थी. अब सामने आया है कि साल 1981 में अस्पताल की स्थापना के बाद से ही स्थानीय दमकल विभाग से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाणपत्र यानी एनओसी नहीं लिया गया था.
महाराष्ट्र के भंडारा ज़िला अस्पताल के सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट में शनिवार तड़के आग लगने के बाद दस नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि इस यूनिट में अग्निशमन यंत्र तो थे, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों को उन्हें चलाने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया था.
शनिवार तड़के भंडारा ज़िला अस्पताल के सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट में आग लग गई. यहां कुछ दिनों की उम्र से लेकर कुछ महीनों के 17 नवजात बच्चे थे, जिनमें से सात को ही बचाया जा सका. आग की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है.
12 गांवों की कुल जनसंख्या करीब 30 हज़ार है. ये गांव सिंचाई और पीने के पानी की समुचित आपूर्ति न होने की समस्या का सामना कर रहे हैं. भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर 28 मई को उपचुनाव होने वाला है.
800 से ज़्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हुए. कीटनाशक कंपनी पर कार्रवाई के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल.