‘अल्लाहू अकबर’ की पुकार के साथ हत्या का मेल कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है?

फ्रांस में जो हुआ, उसके लिए दुनिया के सारे मुसलमान जवाबदेह नहीं, लेकिन जब अल्लाह का नाम लेकर क़त्ल किया जा रहा हो, तो अल्लाह के बंदों को क़ातिल से कहना चाहिए कि वह क़त्ल के साथ ये मुक़द्दस नाम लेकर ही कुफ़्र कर रहा है.

क्या पाकिस्तान मोदी की जीत के लिए जैश-ए-मोहम्मद का इस्तेमाल कर रहा है

पाकिस्तान के सांप्रदायिक एजेंडे के लिए नरेंद्र मोदी की एक और जीत से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. उनकी नीतियों ने पाकिस्तानियों को यह यक़ीन दिलाने का काम किया है कि भारत में मुस्लिम कभी भी सुरक्षित नहीं रह सकते हैं.