झारखंड ने एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, एनपीआर को 2010 की तरह लागू करने की मांग

इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद राज्य की विधानसभा को कोरोना वायरस के मद्देनजर अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया है.

एनपीआर में कोई दस्तावेज़ नहीं मांगा जाएगा, किसी को ‘संदिग्ध’ नहीं माना जाएगा: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में कहा, 'एनपीआर के लिए कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे. अगर किसी के पास कोई जानकारी नहीं है तो उसे साझा करने की जरूरत नहीं है.'

एक्सक्लूसिव: एनपीआर पर जनता को गुमराह करती मोदी सरकार

वीडियो: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए आधिकारिक दस्तावेज़ों से खुलासा होता है कि किस तरह केंद्र की मोदी सरकार काफी पहले से एनपीआर में आधार को ‘अनिवार्य’ करने का न सिर्फ़ मन बना चुकी थी, बल्कि करीब 60 करोड़ आधार नंबर को एनपीआर से जोड़ने का काम भी पूरा हो चुका है.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ख़ुद कहा था कि एनपीआर के साथ आधार ज़रूर जोड़ा जाना चाहिए

विशेष रिपोर्ट: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए आधिकारिक दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 15 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तत्कालीन प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें आधार जारी करने, एनपीआर डेटाबेस के साथ आधार नंबर को जोड़ने और समय-समय पर एनपीआर में आधार नंबर अपडेट करने को लेकर चर्चा की गई थी.

गृह मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में एनपीआर के लिए आधार नंबर अनिवार्य करने का किया था प्रस्ताव

द वायर एक्सक्लूसिव: दस्तावेज़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने एनपीआर में अनिवार्य रूप से आधार इकट्ठा करने के लिए आधार क़ानून या नागरिकता क़ानून में भी संशोधन करने का प्रस्ताव रखा था.

तक़रीबन 60 करोड़ आधार नंबर पहले ही एनपीआर से जोड़े जा चुके हैं

द वायर एक्सक्लूसिव: गृह मंत्रालय आश्वासन दे रहा है कि जिन लोगों के पास आधार नंबर नहीं है उन्हें एनपीआर अपडेट करने के दौरान ऐसे दस्तावेज़ देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. हालांकि प्राप्त किए आधिकारिक दस्तावेज़ सरकार के इन आश्वासनों पर सवालिया निशान खड़े करते हैं.

आधार संशोधन विधेयक राज्यसभा से पारित, विपक्ष ने डेटा सुरक्षा को लेकर चिंता जताई

इस विधेयक में बैंक में खाता खोलने, मोबाइल फोन का सिम लेने के लिए आधार को स्वैच्छिक बनाने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा निजी संस्थाओं द्वारा आधार डेटा का दुरुपयोग करने पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना और जेल का प्रावधान रखा गया है.

आईटी कंपनी ने ग़ैर-क़ानूनी रूप से जमा किया 7.8 करोड़ लोगों का आधार डेटा, एफआईआर दर्ज

हैदराबाद की आईटी ग्रिड कंपनी पर 'सेवा मित्र' ऐप के ज़रिये अवैध रूप से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 7.8 करोड़ आधार धारकों का डेटा इकट्ठा करने का आरोप है. इस ऐप को कथित तौर पर टीडीपी द्वारा इस्तेमाल किया जाता था. यूआईडीएआई की शिकायत के बाद एसआईटी करेगी जांच.

सिम कार्ड के बदले आधार का इस्तेमाल बंद करने का मोबाइल कंपनियों को निर्देश

दूरसंचार विभाग की ओर मोबाइल सेवा प्रदाता कं​पनियों को सर्कुलर जारी कर पांच नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा सिम कार्ड आवेदन फॉर्म से आधार नंबर के कॉलम को भी हटाने को कहा गया है.

यूआईडीएआई ने टेलीकॉम कंपनियों से पूछा, 15 दिन में बताएं सिम से आधार कैसे डी-लिंक होगा

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन जैसी टेलीकॉम कंपनियों को सर्कुलर भेजकर 15 दिन में सिम कार्ड से आधार डी-लिंक करने की योजना मांगी है.

सोशल मीडिया पर आधार नंबर साझा करने वाले ट्राई प्रमुख को दो वर्ष का सेवा विस्तार

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी ट्राई के प्रमुख राम सेवक शर्मा ने बीते दिनों अपना आधार नंबर सोशल मीडिया पर डालकर निजी जानकारी लीक करने की चुनौती दी थी.

मोबाइल विनिर्माताओं-सेवा प्रदाताओं को हेल्पलाइन नंबर डालने को नहीं कहा: यूआईडीएआई

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने फोन में पहले से ही डाले गए हेल्पलाइन नंबर को लेकर सोशल मीडिया पर जारी विवाद के बीच यह स्पष्टीकरण दिया है.

ट्राई प्रमुख ने आधार नंबर ट्विटर पर डालकर चुनौती दी, निजी जानकारी लीक हुई

चुनौती स्वीकार करते हुए एक फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ ने ट्राई के प्रमुख आरएस शर्मा के आधार नंबर का इस्तेमाल कर उनका निजी पता, जन्मदिन, फोन नंबर समेत कई जानकारियां सार्वजनिक कर दीं.

यूआईडीएआई ने आपराधिक जांच के लिए आधार डेटा साझा करने से किया इनकार

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से अपराधिक जांच के लिए पुलिस को आधार डेटा की सीमित उपलब्धता दिए जाने का प्रस्ताव रखा था. गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इस बारे में मंत्रालय से चर्चा कर विचार किया जाएगा.

क्या प्रधानमंत्री ने आधार से जुड़ा झूठा आंकड़ा संसद में पेश किया था?

साक्ष्य बताते हैं कि आधार के सहारे फ़र्ज़ी बताए गए राशन कार्डों की संख्या का प्रधानमंत्री द्वारा किया गया दावा वास्तविकता से कई गुना ज़्यादा था.