सात महीनों से बंद भारत-नेपाल सीमा से बढ़ी लोगों की दुश्वारियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है

ग्राउंड रिपोर्ट: भारत-नेपाल सीमा बंद हुए सात महीने पूरे होने जा रहे हैं. पिछले दिनों नेपाली कैबिनेट ने एक महीने के लिए बंदी की अवधि फिर बढ़ा दी है. इतने लंबे समय तक सीमाएं बंद होने के कारण दोनों देशों के सीमावर्ती क़स्बों व गांवों में लोगों, ख़ासकर व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

दो महीने में सीमा पर नेपाल पुलिस ने दूसरी बार की गोलीबारी, एक भारतीय घायल

बिहार के किशनगंज ज़िले से लगी नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस ने उस वक्त गोलीबारी की जब 25 वर्षीय युवक तीन अन्य लोगों के साथ अपने मवेशियों को लाने जा रहे थे. पिछले महीने बिहार के सीतामढ़ी ज़िले में नेपाल पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी जबकि दो अन्य घायल हो गए थे.

भारत-नेपाल के बीच तनाव का ख़ामियाज़ा सरहद के दोनों ओर के नागरिक भुगत रहे हैं

भारत और नेपाल के बीच मौजूदा तनाव के चलते दोनों देशों के सीमांत गांवों के बीच आवाजाही एकदम ठप है. दोनों ओर के स्थानीय मानते हैं कि इसका नुकसान आम लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है.

भारत में फंसे 300 से अधिक नेपाली नागरिक 25 दिन बाद अपने देश पहुंचे

भारत में लॉकडाउन होने के बाद बीते पच्चीस दिनों से महराजगंज ज़िले के सोनौली, नौतनवां और बढ़नी में रह रहे नेपाली नागरिकों बीते शुक्रवार और शनिवार को दो चक्रों में नेपाल भेजा गया. वहीं नेपाल से भी 188 भारतीय वापस देश में आए हैं.

लॉकडाउन: भारत-नेपाल सीमा पर 22 घंटे नो मैंस लैंड में फंसे रहे 326 नेपाली नागरिक

लाॅकडाउन के कारण जगह-जगह फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए सरकार द्वारा बसें चलाने के बाद नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव आदि जगहों पर काम करने वाले नेपाली कामगार भी अपने देश के लिए रवाना हुए. ये सोनौली तक तो पहुंच गए लेकिन दोनों ओर की सीमाएं बंद होने के चलते 326 नेपाली नागरिक भारत की तरफ फंसे हैं.