भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट के हॉस्टल में छात्राओं के पीरियड्स जांचने के लिए उनको अंडरगारमेंट्स उतारने को मजबूर करने की बात सामने आई थी. संस्था के ट्रस्टी का कहना है कि बरसों से चल रही रुढ़िवादी परंपरा के नियम अब छात्राओं के लिए स्वैच्छिक होंगे, इनके पालन के लिए उन पर दबाव नहीं डाला जाएगा.
मामला भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट का है, जहां छात्राओं का आरोप है कि हॉस्टल के माहवारी संबंधी नियम तोड़ने की शिकायत के बाद 60 से ज़्यादा छात्राओं को अपने अंडरगारमेंट्स उतारने के लिए मजबूर किया गया.
राज्य सरकार का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त काम किए जा रहे हैं लेकिन इन दुर्गम क्षेत्रों में जीवन अब भी जस का तस बना हुआ है.
विधानसभा में एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अडानी फाउंडेशन द्वारा संचालित जीके जनरल अस्पताल में हुई बच्चों की मौत का कारण विभिन्न बीमारियों को बताते हुए कहा कि अस्पताल ने तय मानकों के अनुसार ही इलाज किया.