यूपी पंचायत चुनाव ड्यूटी में हुए संक्रमण से हज़ार से ज़्यादा सरकारी कर्मियों की मौत: कर्मचारी परिषद

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संघों द्वारा पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान हुए कोविड संक्रमण से जान गंवाने के बाद वाले कर्मचारियों की सूची जारी करने के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी ऐसी ही लिस्ट जारी करते हुए पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि और आश्रितों की नौकरी देने की मांग की है.

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार से क्यों नाराज़ हैं शिक्षकों समेत विभिन्न कर्मचारी संगठन

पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान हुए कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में शिक्षकों, शिक्षा मित्रों आदि के प्रभावित होने पर सरकारी बेरुख़ी से उनके संगठन तो राज्य सरकार से ख़फ़ा हैं, वहीं महामारी के दौरान बढ़ी ज़िम्मेदारियों के बीच सुविधाओं के अभाव को लेकर मनरेगा कर्मी और संविदा एएनएम भी आक्रोशित हैं.

यूपी: पंचायत चुनाव ड्यूटी में हुए कोविड संक्रमण से 1600 से ज़्यादा शिक्षकों-कर्मचारियों की जान गई

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने बताया कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी में कोविड संक्रमित होने के बाद 75 ज़िलों के 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों व कर्मचारियों ने जान गंवाई है. संघ ने इनके नामों की सूची मुख्यमंत्री को भेजते हुए परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद व आश्रितों को नौकरी देने की मांग की है.

यूपी पंचायत चुनाव: ‘सरकार और राज्य चुनाव आयोग मेरी पत्नी और बच्चों की मौत के ज़िम्मेदार हैं’

गर्भवती होने के बावजूद श्रावस्ती ज़िले की सहायक अध्यापक संगीता सिंह की पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाई गई, जिसके प्रशिक्षण के दौरान वे कोरोना संक्रमित हो गईं. इस बीच उनके ड्यूटी हटवाने के तमाम प्रयास विफल रहे और उनकी हालत बिगड़ती गई. 17 अप्रैल को संगीता ने बाराबंकी के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.

यूपी पंचायत चुनाव: सुप्रीम कोर्ट का मतगणना पर रोक लगाने से इनकार

कोविड संक्रमण के प्रकोप के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की मतगणना रोकने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि पूरे राज्य में इस दौरान सख़्त कर्फ्यू रहेगा, जो मंगलवार सुबह तक लागू होगा. साथ ही सरकारी अधिकारियों, उम्मीदवारों और उनके एजेंट को मतगणना केंद्र में प्रवेश से पहले कोविड की आरटी-पीसीआर जांच में नेगेटिव होने का प्रमाण दिखाना होगा.

यूपी पंचायत चुनाव: शिक्षकों और कर्मचारियों के दो बड़े संगठनों ने किया मतगणना का बहिष्कार

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ और कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने राज्य निर्वाचन आयोग पर पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को कोरोना महामारी से बचाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए दो मई को होने वाली मतगणना का बहिष्कार कर दिया है.

कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने कहा, कोविड नियम लागू करवाना हमारी ज़िम्मेदारी नहीं

मद्रास हाईकोर्ट द्वारा कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल लागू करवाने में चुनाव आयोग की नाकामी की आलोचना के बाद आयोग ने कहा है कि महामारी से जुड़े क़ानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की आपदा प्रबंधन इकाइयों की है और उसने कभी यह भूमिका अपने हाथ में नहीं ली.

कोविड-19: अदालत की फटकार के बाद मतगणना के दौरान या बाद में विजय जुलूस पर पाबंदी

चुनाव आयोग ने कोविड-19 के चलते पांच राज्यों में दो मई को होने वाली मतगणना के दौरान या इसके बाद जीत का जश्न मनाने के लिए जुलूस निकालने पर रोक लगा दी है. इससे पहले सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने आयोग की तीखी आलोचना करते हुए उसे देश में महामारी की दूसरी लहर के लिए अकेले ज़िम्मेदार बताया था.

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने ईवीएम पर ख़र्च किए क़रीब 4000 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में लोकसभा चुनावों के लिए 1000 करोड़ रुपये चिह्नित किए गए हैं. वहीं, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आम चुनाव के ख़र्च पर केंद्र सरकार की ओर से सहायता के लिए 339.54 करोड़ रुपये चिह्नित किए गए हैं.

दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा ने विशाल अंतर से जीत दर्ज की

आप के तीन उम्मीदवार चांदनी चौक से पंकज कुमार गुप्ता, नई दिल्ली से बृजेश गुप्ता और उत्तर पूर्व सीट से दिलीप पांडेय अपनी ज़मानत तक नहीं बचा पाए. इसके साथ ही दक्षिण दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विजेंदर सिंह की भी ज़मानत ज़ब्त हो गई.

पूर्वी दिल्ली सीट से आप उम्मीदवार आतिशी तीसरे स्थान पर, भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर सबसे आगे

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019ः अब तक के रुझानों में दिल्ली की सभी सात सीटों पर भाजपा उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 100 फीसदी वीवीपीएटी सत्यापन की मांग वाली याचिका ख़ारिज की

एक संगठन ने अपनी याचिका में कहा था कि ईवीएम विश्वसनीय नहीं है, इसकी टैंपरिंग की जा सकती है. संगठन मांग की थी कि ईवीएम की जगह ऑप्टिकल बैलेट स्कैन मशीन के ज़रिये मतदान कराया जाना चाहिए.

सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग, पारदर्शिता के लिए वीवीपीएटी की सभी पर्चियों की गिनती की जाए

सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय, जयति घोष, जस्टिस एपी शाह, संजय पारिख और सैयदा हमीद ने इस मामले को लेकर एक बयान जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी वीवीपीएटी के सत्यापन की मांग वाली पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'हम अपने आदेश की समीक्षा करने के लिए इच्छुक नहीं हैं.'