विशेष रिपोर्ट: पिछले उपचुनाव में गोरखपुर से मिली हार के चलते पूरे देश में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सीट अब पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे अधिक चिंता की सीट बन गई है.
गोरखपुर में सत्ताधारी दल के उपचुनाव में हारने की कहानी नई नहीं है.
सांप्रदायिकता और जातिवाद के ख़िलाफ़ शुरू होने वाले गोरखनाथ पीठ से कभी बड़ी संख्या में मुसलमान और अछूत मानी जाने वाली जातियां जुड़ी थीं.