महिलाओं के साथ बर्बरता को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट

डेढ़ दशक पुराने एक मामले में हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय के एक फैसले को पलटते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति पर किसी रिवाज़ या अनुष्ठान में शामिल होने का दबाव बनाने का अधिकार किसी को भी नहीं है.