मालेगांव धमाकों के मुकदमे में देरी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनआईए से मांगी सफाई

महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 101 से अधिक घायल हो गए थे. भोपाल से भाजप सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मामले की मुख्य आरोपी हैं.

अदालत में पेश हुईं प्रज्ञा ठाकुर, कहा- मालेगांव धमाकों के बारे में कुछ नहीं जानतीं

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से पिछले महीने लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर की एनआईए अदालत में यह पहली पेशी थी. बीते गुरुवार को स्वास्थ्य कारणों की वजह से वह अदालत में पेश नहीं हुई थीं, लेकिन गुरुवार को ही उन्हें भोपाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया था.

अदालत नहीं पहुंचीं ‘बीमार’ प्रज्ञा ठाकुर, महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम में हुईं शामिल

भोपाल से भाजपा सांसद और मालेगांव बम धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश होना था लेकिन अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.

प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी से बाहर निकालकर भाजपा को निभाना चाहिए राजधर्म: कैलाश सत्यार्थी

शांति के क्षेत्र में नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी लेकिन प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोग गांधी की आत्मा की हत्या कर रहे हैं.

मालेगांव धमाका: एनआईए अदालत का प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी आरोपियों को हर हफ्ते पेश होने का आदेश

मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

नासिक: क़र्ज़ के कारण लगाई फांसी, आत्महत्या करने वाले किसानों का आंकड़ा 108 पर पहुंचा

महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के एक 28 वर्षीय किसान नीलेश धर्मराज हयालिज ने मौजे-वजीरखेड़े गांव में फांसी लगा ली. उनके ऊपर चार लाख रुपये का क़र्ज़ बकाया था.

मालेगांव धमाका: कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा समेत सात के ख़िलाफ़ आतंकी षड्यंत्र के आरोप तय

एनआईए अदालत ने कर्नल पुरोहित की याचिका ख़ारिज करते हुए सात लोगों के ख़िलाफ़ आतंकी षड्यंत्र, हत्या और आपराधिक साज़िश के आरोप तय किए.

हत्यारों की भीड़ इस देश की नुमाइंदगी नहीं करती

अंग्रेज़ी प्रभावशाली भाषा है, मगर इसकी पहुंच सीमित है. क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकार असली असर पैदा कर सकते हैं. छोटे शहरों के ऐसे कई साहसी पत्रकार हैं, जिन्होंने अपने साहस की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई है.

भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता और नफ़रत का जिन्न छोड़ दिया है

आम आदमी पार्टी से जुड़े आशीष खेतान का कहना है, यूपीए सरकार भले ही अयोग्य रही हो, वह इन समूहों की विचारधारा से इत्तेफ़ाक नहीं रखती थी, लेकिन वर्तमान सत्ता को इन्हीं समूहों से समर्थन मिलता है.