‘मैं मैला ढोता हूं लेकिन मैला ढोने वाले के रूप में मरूंगा नहीं’

टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान से पीएचडी करने वाले सुनील यादव दिन में पढ़ाई करते हैं और रात में सफ़ाई कर्मचारी का काम करते हैं. वे डॉ. अंबेडकर को अपना आदर्श और पढ़ाई को बदलाव का औज़ार मानते हैं.