महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले की रहने वाली हाली रघुनाथ बराफ को अपनी बहन को तेंदुए के चंगुल से बचाने के लिए 2013 में राष्ट्रीय बालवीर पुरस्कार मिला था. उन्होंने कहा है कि इस पुरस्कार से उनके परिवार की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ. परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन नहीं मिल रहा, क्योंकि ऑनलाइन प्रणाली में परिवार का नाम ही दर्ज नहीं किया गया.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार आयोजित करने वाले ग़ैर-सरकारी संस्था भारतीय बाल कल्याण परिषद से केंद्र सरकार ने ख़ुद को अलग कर लिया है और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाते हुए इसके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई है. संस्था का कहना है कि ये आरोप निराधार हैं.