म्यांमार: रोहिंग्या मुस्लिमों पर रिपोर्टिंग के कारण सज़ा काट रहे रॉयटर्स के दो पत्रकार रिहा

म्यांमार के रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्याव सोए ओ को सरकारी गोपनीयता क़ानून तोड़ने के लिए पिछले साल सितंबर में सात-सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी.

म्यांमार में रॉयटर्स के दो पत्रकारों को 7 साल की सज़ा

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इन पत्रकारों को पिछले साल 12 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था. उस समय वे म्यांमार के रखाइन प्रांत के एक गांव में रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या और सेना व पुलिस द्वारा किए गए अपराधों की जांच कर रहे थे.

क्या रोहिंग्याओं के लिए उम्मीद नाम का कोई कोना बचा हुआ है?

दुनिया ने रोहिंग्याओं के ख़िलाफ़ सहानुभूति में इतनी कंजूसी दिखाई है कि सहानुभूति की कोई भी अपील ईश्वर की आवाज़ की तरह सुनाई देती है.