वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णा सोबती को ज्ञानपीठ पुरस्कार

ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई ने बताया साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.

हिंदी साहित्य: कहां गई आलोचना, कहां गए आलोचक

आलोचना जगत पर हिंदी के अध्यापकों का कब्ज़ा है लेकिन ये अध्यापक सिर्फ भाषणबाजी कर रहे हैं. दुनिया भर में अच्छी आलोचना अकादमिक संस्थानों में विकसित होती है पर हमारे विश्वविद्यालयों के हिंदी विभागों में क्या हो रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है.