सीबीआई ने कहा कि अगर ये जानकारी सार्वजनिक की जाती है तो इस संबंध में चल रही जांच पर प्रभाव पड़ सकता है.
यह मामला गौरव दीप गुप्ता नाम के व्यक्ति से जुड़ा है जिन्होंने आरटीआई कानून के तहत गृह मंत्रालय की तरफ से पांच सितंबर 1979 को जारी लुकआउट सर्कुलर को निकालने से जुड़े सर्कुलरों की प्रतियां मांगी थी.
माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. सीबीआई ने ब्रिटेन की कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
23 नवंबर 2015 को सीबीआई को ये जानकारी दी गई थी कि विजय माल्या 24 नवंबर को दिल्ली आ रहे हैं और 24 नवंबर को ही सीबीआई ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर कहा कि माल्या को हिरासत में न लिया जाए.
सीबीआई ने कहा है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के बारे में बैंक से जब शिकायत मिली तब तक नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भारत छोड़े एक महीना हो चुका था.