मुख्यमंत्री बनर्जी ने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया कि पंचायत चुनाव में गड़बड़ी और पार्टी कार्यालयों पर कब्जे के बारे में उनकी शिकायतों को सुना जाएगा.
चुनावी बातें: 1980 के चुनाव में वामपंथियों के नारे- 'चलेगा मजदूर उड़ेगी धूल, न बचेगा हाथ, न रहेगा फूल' के जवाब में कांग्रेस ने ‘न जात पर, न पात पर, इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर’ का नारा दिया था.
कहा जाता है कि बंगाल में वाम मोर्चे के लंबे शासन ने किसी ऐसे मंच को उभरने नहीं दिया, जिसका इस्तेमाल सांप्रदायिक शक्तियां राजनीतिक फायदे के लिए कर सकती थीं. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि ज़मीन पर हिंदू-मुस्लिम तनाव नहीं था. राज्य के मौजूदा सियासी मिज़ाज को उसी दबे हुए तनाव के अचानक फूट पड़ने के तौर पर देखा जा सकता है.
1996 से लेकर अब तक लोकसभा चुनाव में औसतन 235 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के अलावा क्षेत्रीय दलों ने जीत हासिल की है.