विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री ने 41 कोयला खदानों में खनन की नीलामी प्रक्रिया शुरू की

मोदी सरकार के इस क़दम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत होना देश के कोयला क्षेत्र को ‘दशकों के लॉकडाउन’ से बाहर निकालने जैसा है. हालांकि इन कोयला खदानों के समीप रहने वाले लोगों ने कहा है कि इससे उनका अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा.

छत्तीसगढ़: हसदेव अरण्य में खनन शुरू करने के ख़िलाफ़ नौ सरपंचों ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी

हसदेव अरण्य क्षेत्र के सरपंचों ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के भाषण को याद दिलाते हुए कहा कि यहां का समुदाय पूर्णतया जंगल पर आश्रित है, जिसके विनाश से यहां के लोगों का पूरा अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा.

छत्तीसगढ़: कॉरपोरेट से जंगल और ज़मीन बचाने के लिए आदिवासियों की जद्दोजहद

बीते 14 अक्टूबर से राज्य के सरगुजा, सूरजपुर और कोरबा ज़िले के बीस से ज़्यादा गांवों के आदिवासी हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान खोले जाने के ख़िलाफ़ धरना दे रहे हैं. उनका आरोप है कि कोल ब्लॉक के लिए पेसा क़ानून और पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों की अनदेखी की गई है.