पशुओं के कान में टैग लगाकर 12 अंकों की पहचान संख्या प्रदान की गई है. एक संबंधित अधिकारी ने बताया कि इससे पशुओं की अवैध खरीद-फरोख्त और तस्करी के साथ उन्हें लावारिस छोड़ने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में सरकारी तंत्र को सहायता मिलेगी.
आरटीआई के जवाब में यूआईडीएआई ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की 210 वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों की जानकारियां सार्वजनिक कर दीं.